सुप्रीम कोर्ट.
नई दिल्ली:
आम्रपाली मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डर ग्रुप से पूछा कि नौ प्रोजेक्ट कब तक पूरे होंगे और कितनी लागत आएगी? रकम कौन लगाएगा? और बॉयर्स से इसके लिए कितना पैसा लिया गया है? आम्रपाली ग्रुप 17 अप्रैल को इन सवालों के जवाब देगा.
दरअसल खरीदारों की ओर से कोर्ट में पेश रिपोर्ट में आम्रपाली के 9 प्रोजेक्टों को 3 दर्जे में बांटा गया है. एक में पूरे हो चुके प्रोजेक्ट हैं जिनमें कुछ लोग रह भी रहे हैं पर लिफ्ट, फायर सेफ्टी, पावर बैकअप जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं. दूसरे में 6 से 9 महीनों में पूरा होने वाले प्रोजेक्ट हैं. तीसरे में अभी तक शुरू न होने वाले प्रोजेक्ट हैं.
सुप्रीम कोर्ट में खरीदारों ओर से पेश वकील एमएल लाहौटी ने बताया कि उनकी ओर से कोर्ट में 16 में से 9 प्रोजेक्टों के बारे में रिपोर्ट पेश की गई. कोर्ट को बताया गया कि इनमें से 5 प्रोजेक्ट ऐसे हैं जिनमें लोग रह रहे हैं लेकिन कुछ न कुछ एनओसी की कमियों की वजह से उन्हें कंप्लीशन सर्टिफिकेट नहीं मिल पाया है. किसी में फायर का एनओसी नहीं है तो किसी में लिफ्ट की कमी है. इन कमियों को तुरंत दूर किया जा सकता है. वहीं बाकी के 4 प्रोजेक्ट ऐसे हैं जिन्हें पूरा करने में 3 से 9 महीने लगेंगे.
यह भी पढ़ें : आम्रपाली ग्रुप को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने कहा - बैंक बिल्डर से वसूलें पैसा, खरीदारों से नहीं
आम्रपाली बिल्डर और बॉयर्स के बीच हुई मीटिंग के बाद सुप्रीम कोर्ट में तमाम प्रोजेक्टों के बारे में रिपोर्ट पेश की गई थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि आम्रपाली के 16 प्रोजेक्ट ऐसे हैं जिनमें कंस्ट्रक्शन का काम पूरा हो चुका है और इसमें दो महीने के भीतर पजेशन हो सकता है लेकिन इन्हें कुछ खामियां की वजह से अभी कंप्लीशन नहीं मिला है. सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली बिल्डर से कहा था कि वह बॉयर्स के साथ 31 मार्च को मीटिंग कर अपनी ओर से इस पर पक्ष रखें साथ ही नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी से भी प्रोजेक्ट का इंस्पेक्शन रिपोर्ट पेश करने को कहा था.
VIDEO : कब पूरा होगा घर का सपना
पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली बिल्डर से कहा था कि वह 19 टॉवर को कंप्लीट करने के बारे में जो समय सीमा कोर्ट के सामने पेश की है उस बारे में अंडरटेकिंग दें कि तय सीमा में उसे पूरा किया जाएगा. इससे पहले आम्रपाली बिल्डर की ओर से नोएडा और ग्रेटर नोएडा के तमाम प्रोजेक्ट जिनमें करीब 42 हजार फ्लैट हैं, उसे पूरा करने का रोडमैप कोर्ट के सामने पेश किया था.
दरअसल खरीदारों की ओर से कोर्ट में पेश रिपोर्ट में आम्रपाली के 9 प्रोजेक्टों को 3 दर्जे में बांटा गया है. एक में पूरे हो चुके प्रोजेक्ट हैं जिनमें कुछ लोग रह भी रहे हैं पर लिफ्ट, फायर सेफ्टी, पावर बैकअप जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं. दूसरे में 6 से 9 महीनों में पूरा होने वाले प्रोजेक्ट हैं. तीसरे में अभी तक शुरू न होने वाले प्रोजेक्ट हैं.
सुप्रीम कोर्ट में खरीदारों ओर से पेश वकील एमएल लाहौटी ने बताया कि उनकी ओर से कोर्ट में 16 में से 9 प्रोजेक्टों के बारे में रिपोर्ट पेश की गई. कोर्ट को बताया गया कि इनमें से 5 प्रोजेक्ट ऐसे हैं जिनमें लोग रह रहे हैं लेकिन कुछ न कुछ एनओसी की कमियों की वजह से उन्हें कंप्लीशन सर्टिफिकेट नहीं मिल पाया है. किसी में फायर का एनओसी नहीं है तो किसी में लिफ्ट की कमी है. इन कमियों को तुरंत दूर किया जा सकता है. वहीं बाकी के 4 प्रोजेक्ट ऐसे हैं जिन्हें पूरा करने में 3 से 9 महीने लगेंगे.
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आम्रपाली बिल्डर और बॉयर्स के बीच हुई मीटिंग के बाद सुप्रीम कोर्ट में तमाम प्रोजेक्टों के बारे में रिपोर्ट पेश की गई थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि आम्रपाली के 16 प्रोजेक्ट ऐसे हैं जिनमें कंस्ट्रक्शन का काम पूरा हो चुका है और इसमें दो महीने के भीतर पजेशन हो सकता है लेकिन इन्हें कुछ खामियां की वजह से अभी कंप्लीशन नहीं मिला है. सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली बिल्डर से कहा था कि वह बॉयर्स के साथ 31 मार्च को मीटिंग कर अपनी ओर से इस पर पक्ष रखें साथ ही नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी से भी प्रोजेक्ट का इंस्पेक्शन रिपोर्ट पेश करने को कहा था.
VIDEO : कब पूरा होगा घर का सपना
पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली बिल्डर से कहा था कि वह 19 टॉवर को कंप्लीट करने के बारे में जो समय सीमा कोर्ट के सामने पेश की है उस बारे में अंडरटेकिंग दें कि तय सीमा में उसे पूरा किया जाएगा. इससे पहले आम्रपाली बिल्डर की ओर से नोएडा और ग्रेटर नोएडा के तमाम प्रोजेक्ट जिनमें करीब 42 हजार फ्लैट हैं, उसे पूरा करने का रोडमैप कोर्ट के सामने पेश किया था.
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