दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने आम्रपाली ग्रुप के दो बड़े अधिकारियों चीफ फाइनेंस अफसर चंद्रप्रकाश वाधवा और आडिटर अनिल मित्तल को गिरफ्तार किया है. इन लोगों ने कई फर्जी कम्पनियां बना रखी थीं जिसमें बड़े स्तर पर फंड ट्रांसफर किया गया.
इन कंपनियों में इन्हीं लोगों के जानकर डायरेक्टर और मैनेजमेंट में दूसरे पदों पर थे. आज इन दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है. इससे पहले गिरफ्तार किए गए आम्रपाली के तीन निदेशक अनिल कुमार शर्मा, शिव प्रिया और अजय कुमार जेल में बंद हैं.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले सप्ताह आम्रपाली मामले में 42,000 से अधिक घर खरीदारों को राहत देते हुए एक बड़ा फैसला सुनाया है. आम्रपाली का रेरा पंजीकरण रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एनबीसीसी से कहा कि वह अधूरे फ्लैट पूरे करे. 6 महीने के भीतर लगभग पूरे हो चुके प्रोजेक्ट्स के घर बनाकर खरीदारों को दिए जाएंगे. इसके लिए NBCC को 8 फीसदी कमीशन मिलेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रबंध निदेशक और निदेशकों के खिलाफ फेमा के तहत ED मामले की जांच कर, हर तीन महीने में कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करे. साथ ही कोर्ट ने कहा कि ग्रेटर नोएडा और नोएडा ऑथोरिटी ने इस मामले में लापरवाही की. यह सीरियस फ्रॉड हुआ है, बड़ी रकम इधर से ऊधर हुई है. इस मामले में फेमा का उल्लंघन किया गया और बिल्डर्स की सांठ-गांठ से विदेश में पैसा पहुंचाया गया.
जेपी मॉर्गन ने फेमा और एफडीआई मानदंडों का उल्लंघन करके आम्रपाली में निवेश किया: SC
कोर्ट ने कहा कि सीए मित्तल भी इस मामले में जिम्मेदार हैं. नोएडा अथॉरिटी और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी भी इस लापरवाही की जिम्मेदार हैं, क्योंकि उन्होंने ढंग से मॉनिटरिंग नहीं की. घर खरीदारों से जमा रकम की हेराफेरी की. फोरेंसिक ऑडिट में भी कई खुलासे हुए. फोरेंसिक ऑडिट में भी घर खरीदारों की खून पसीने की कमाई में घपले की पुष्टि हुई है. फेमा के तहत आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई होगी.
VIDEO : आम्रपाली ग्रुप का रेरा रजिस्ट्रेशन रद्द
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं