नई दिल्ली:
दिल्ली पुलिस ने सोमवार को बताया कि दिल्ली के विभिन्न थानों में वर्ष 2013 के पहले साढ़े चार महीनों में दुष्कर्म के 463 मामले दर्ज किए गए, जो कि पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 158 प्रतिशत की बढ़ोतरी है।
एक अधिकारी ने कहा कि छेड़खानी के मामलों में 600 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई। वहीं, समान अवधि में प्रताड़ना के मामलों में 783.67 प्रतिशत वृद्धि हुई।
पिछले साल 15 अप्रैल तक दुष्कर्म के 179, छेड़खानी के 139 और प्रताड़ना के 49 मामले दर्ज किए गए थे।
दिल्ली पुलिस आयुक्त नीरज कुमार ने दलील दी कि दुष्कर्म 'अवसरवादी अपराध' है, जिसमें ज्यादातार अपराधी पीड़िता के जानकार होते हैं। उन्होंने कहा, "97 प्रतिशत वारदातों को घर की चहारदीवारी में अंजाम दिया गया। केवल तीन प्रतिशत मामलों में अनजान व्यक्तियों को शामिल पाया गया।" उन्होंने कहा, "पड़ोसी या पीड़िता के जानकार व्यक्ति के शामिल रहने पर दुष्कर्म की वारदात को रोकना संभव नहीं है।"
एक अधिकारी ने कहा कि छेड़खानी के मामलों में 600 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई। वहीं, समान अवधि में प्रताड़ना के मामलों में 783.67 प्रतिशत वृद्धि हुई।
पिछले साल 15 अप्रैल तक दुष्कर्म के 179, छेड़खानी के 139 और प्रताड़ना के 49 मामले दर्ज किए गए थे।
दिल्ली पुलिस आयुक्त नीरज कुमार ने दलील दी कि दुष्कर्म 'अवसरवादी अपराध' है, जिसमें ज्यादातार अपराधी पीड़िता के जानकार होते हैं। उन्होंने कहा, "97 प्रतिशत वारदातों को घर की चहारदीवारी में अंजाम दिया गया। केवल तीन प्रतिशत मामलों में अनजान व्यक्तियों को शामिल पाया गया।" उन्होंने कहा, "पड़ोसी या पीड़िता के जानकार व्यक्ति के शामिल रहने पर दुष्कर्म की वारदात को रोकना संभव नहीं है।"
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