दीवाली के बाद से दिल्ली-एनसीआर की हवा बहुत खराब हो गई है. वायु प्रदूषण (Air Pollution) का आलम यह है कि पिछले 4-5 दिनों से राजधानी और उसके आसपास के इलाकों में धुंध की मोटी चादर छाई हुई है. प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार के तमाम प्रयास नाकाम साबित हुए हैं. दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण (Delhi-NCR Pollution) के मद्देनजर केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के तहत कुछ ज़रूरी निर्देश जारी किए हैं.
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के निर्देशों के मुताबिक, सभी हॉट-मिक्स प्लांट और स्टोन-क्रशर बंद करने के आदेश दिए गए हैं. दिल्ली-एनसीआर में सभी एजेंसियों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने के लिये कम क़ीमतें तय करने को कहा है ताकि लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ज़्यादा इस्तेमाल कर सकें.
पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने राज्यों से एनसीआर में कोयला आधारित संयंत्रों के संचालन को कम करने के लिए गैस आधारित संयंत्रों से बिजली उत्पादन को बढ़ाने के लिए कहा है. नगर निगम के अधिकारियों को सड़कों की मशीनीकृत सफाई तथा पानी के छिड़काव के काम को तेज करने को कहा गया है. फ़िलहाल, दिल्ली-एनसीआर में ईंट भट्टे बंद रहेंगे.
दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता बहुत खराब से गंभीर के बीच रहेगी
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने सोमवार को दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता की समीक्षा की और कहा कि अगले पांच दिनों के दौरान पराली जलाने का वायु प्रदूषण में योगदान बढ़ेगा तथा वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘बहुत खराब' और ‘गंभीर' श्रेणियों के बीच रहेगा. स्थिति का जायजा लेते हुए बोर्ड ने दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सरकारों को सड़कों पर पानी के छिड़काव के साथ-साथ श्रेणीबद्ध कार्रवाई योजना (ग्रैप) का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया.
वीडियो: दिल्ली और आस-पास के राज्यों में प्रदूषण के बीच पानी और हवा पर राजनीति जारी
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं