राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बुधवार को हवा की गुणवत्ता बहुत ही खराब श्रेणी में दर्ज की गई. सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के अनुसार, वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 382 दर्ज की गई. मंगलवार को भी हवा की गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में थी और एक्यूआई 372 था.
सेंट्रल पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) ने सोमवार को शहर के लिए एक ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लॉन के माध्यम से दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के उपायों के लिए सुझाव दिये हैं. इसमें प्रमुख तौर पर सड़क पर पानी के छिड़काव और मैकेनाइज्ड क्लिनिंग को बढ़ाने की बात कही है. उन सड़कों को चिह्नित करने की बात कही गई है, जहां पर ज्यादा धूल उड़ती हैं.
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नोटिफिकेशन जारी कर संबंधित अफसरों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि दिल्ली-एनसीआर इलाके में सभी हॉट मिक्स प्लांट और स्टोन क्रशर बंद रहे. प्राकृतिक गैस-आधारित संयंत्रों से बिजली उत्पादन को बढ़ाने का निर्देश दिया है. वहीं कोयला आधारित बिजली संयंत्रों के संचालन को कम करने की बात कही है.वहीं वायु प्रदूषण में वृद्धि को लेकर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने को जिम्मेदार ठहराया है. वहीं बता दें कि दिल्ली सरकार ने धूल संबंधी मापडंडों का पालन नहीं करने पर शनिवार को 92 कंस्ट्रक्शन साइट्स पर प्रतिबंध लगा दिया है.
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