
टेलीफोन एक्सचेंज के जरिए जासूसी...
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यूपी ATS की टीम ने बुधवार को दिल्ली पंजाबी बाग इलाके में FIITJEE के दफ्तर
गुलशन कुमार पर सेना की जासूसी की आरोप
इस मामले में अब तक 11 लोग गिरफ्तार
गुलशन कुमार लंबे समय तक अफगानिस्तान में रहकर नाटो सेना के लिए साइबर क्राइम के लिए काम कर चुका है.
दरअसल, जम्मू-कश्मीर मिलिट्री इंटेलीजेंस को जानकारी मिली कि कुछ भारतीय नम्बरों से जासूसी करने के मकसद से आर्मी यूनिट्स पर कॉल आ रहे हैं. यह जानकारी यूपी एटीएस को दी गई और जब एटीएस ने इन नम्बरों की जांच की तो पाया कि अवैध टेलफोन एक्सचेंज के माध्यम से भारत के बाहर से कॉल किए जा रहे हैं और डिस्पले पर भारत का ही नंबर दिखता है.
एटीएस के सीओ अनूप कुमार ने बताया कि अब तक 24 फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज का पता लगा चुकी है. इसके जरिए टेलीकॉम डिपार्टमेंट को तो करीब दो करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो ही चुका है, लेकिन इसके जरिए वह देश की सुरक्षा के बारे में अहम जानकारियां भी जुटा रहा था. इसका एक सर्वर अमेरिका में भी है.
इन अवैध एक्सचेंजों का पता लगाने के लिए एटीएस ने जानकारी जुटानी शुरू की, जिन नंबर से फ़ोन किए जा रहे थे उन मोबाइल नम्बरों की जांच शुरू की गई. एटीएस को पता चला कि इस तरह के अवैध टेलीफोन एक्सचेंज लखनऊ, सीतापुर हरदोई में चल रहे हैं, इनको चलाने वाले किसी दूसरे के नाम पते पर सिम लेकर सिम बॉक्स में डालकर चलाते हैं, एटीएस की टीम ने छापा मारकर 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया.
जब गिरफ्तार लोगों से पूछताछ की गई तो पता चला कि इस एक्सचेंज को चलाने वाला मास्टरमाइंड गुलशन नाम का एक शख्स है, जो दिल्ली के महरौली इलाके में है. एटीएस ने दिल्ली से गुलशन को गिरफ्तार कर लिया और उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई. गुलशन से पूछताछ में पता चला कि दिल्ली के पंजाबी बाग में FIITJEE के सेंटर में भी उसका सरवर है, एटीएस की टीम यहां पहुंची और अब जांच की जा रही है.
इस टेलीफोन एक्सचेंज के जरिये विदेश में बैठा कोई भी शख्स भारत में इन्टरनेट कॉल करता है और सिम बॉक्स के जरिए वाइस कॉल में बदलकर हिन्दुस्तान के जिन नम्बर पर विदेश में बैठा व्यक्ति बात करना चाहता है ये लोग बात करा देते थे और हिन्दुस्तानी नंबर पर विदेशी नम्बर की जगह हिन्दुस्तान का ही नम्बर दिखता था. एटीएस को लगता है कि जो फ़ोन आर्मी के अधिकारियो को आ रहे थे वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI साजिश भी हो सकती है.