पोखरण से ISI का एजेंट अरेस्ट, आगरा में तैनात जवान पैसों के लालच में कर रहा था मदद

सूत्रों के मुताबिक- हबीबुर को पाकिस्तान की एम्बेसी ने ट्रैप किया था. उसे टारगेट दिया था कि अगर हबीबुर को अपने रिश्तेदार से मिलने पाकिस्तान जाना है तो उसे वीजा उसी शर्त पर मिलेगा, जब वह भारतीय सेना की गोपनीय जानकारी पाकिस्तानी ISI को मुहैया करवाएगा.

पोखरण से ISI का एजेंट अरेस्ट, आगरा में तैनात जवान पैसों के लालच में कर रहा था मदद

पाकिस्तान को सेना की जानकारियां लीक करते थे ये जासूस- बाएं हबीबुर रहमान- दाएं भारतीय सेना का जवान परमजीत सिंह

नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और मिलिट्री इंटेलीजेंस की मदद से पाकिस्तानी खूफिया एजेंसी को सेना की गोपनीय जानकारी मुहैया करवाने वाले नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है. इसमें सेना का एक जवान भी गिरफ्तार हुआ है. इस मामले में सबसे पहले राजस्थान के पोखरण से हबीबुर रहमान की गिरफ्तारी हुई. दिल्ली पुलिस के स्पेशल CP क्राइम प्रवीर रंजन ने ANI से कहा कि क्राइम ब्रांच ने ऐसे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जो सेना के दस्तावेजों को दूसरे देशों को जासूसों के जरिए भेज रहे थे. राजस्थान के पोखरण में क्राइम ब्रांच ने 41 वर्षीय हबीबुर रहमान के घर छापा मारा और वहां सुरक्षा से जुड़े दस्तावेज मिले.हमने हबीबुर को गिरफ़्तार किया. हबीबुर भारतीय सेना में सप्लाई कांट्रेक्टर है. हबीबुर ने पूछताछ में बताया कि सेना का एक जवान परमजीत आगरा में तैनात था वह हबीबुर से मिला हुआ था. हबीबुर ने परमजीत को सुरक्षा से जुड़े गुप्त दस्तावेज देने की बात कही.  जांच आगे जारी है.

सेना को सब्जी सप्लाई करवाता था हबीबुर रहमान
हबीबुर बीकानेर का निवासी है और सोशल वर्क से भी जुड़ा हुआ है. वह कॉन्ट्रेक्टर के रूप में कई साल से काम कर रहा था. फिलहाल उसके पास आर्मी एरिया में सब्जी सप्लाई करने का ठेका था. वह पोखरण में ही इंदिरा रसोई में भी सब्जी सप्लाई के ठेके से जुड़ा हुआ था. 

पाकिस्तानी दूतावास भी भारतीय एजेंसियों के रडार पर
सूत्रों के मुताबिक -पाकिस्तान दूतावास भारतीय जांच एजेंसियों के रडार पर है. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार हबीबुर से मिलिट्री इंटेलिजेंस और दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि हबीबुर को पाकिस्तान की एम्बेसी ने ट्रैप किया था. उसे टारगेट दिया था कि अगर हबीबुर को अपने रिश्तेदार से मिलने पाकिस्तान जाना है तो उसे वीजा उसी शर्त पर मिलेगा, जब वह भारतीय सेना की गोपनीय जानकारी पाकिस्तानी ISI को मुहैया करवाएगा. हिरासत में आया भारतीय सेना का क्लर्क कांस्टेबल परमजीत हबीब खान के लिए लिंक मैन के तौर पर काम कर रहा था. हबीब को गोपनीय जानकारियां जुटाने के बदले में पाकिस्तानी एम्बेसी से जुड़े लोग पैसा देते थे.

परमजीत ने पैसे के लालच में सेना की सीक्रेट जानकारियां लीक की
बता दें कि क्राइम ब्रांच एक ऑपरेशन पर काम कर रही थी. उसे सूचना मिली थी कि सेना के कुछ सीक्रेट दस्तावेज हमारी दुश्मन देश को भेजे जा रहे हैं. जासूसों के नेक्सस का पता सबसे पहले पोखरण से चला. यहां से हबीबुर के बारे में पता चला, उसके घर पर रेड की गई, जहां काफी दस्तावेज बरामद हुए जो कि सेना से जुड़े थे. परमजीत जब पोखरण में पोस्टेड था, तब हबीब से उसकी मुलाकात हुई थी. परमजीत को हबीब ने पैसे का लालच देकर जानकारी देने के लिए कहा था. वह तभी से गोपनीय दस्तावेज शेयर कर रहा था.  व्हाट्सएप के जरिये डॉक्यूमेंट्स को परमजीत जासूस हबीबुर को भेजता था

परमजीत सेना की गोपनीय यूनिट में ही पोस्टेड था
सेना का ये कांस्टेबल क्लर्क सेना की एक बेहद गोपनीय यूनिट में जब पोस्टेड था, उसने हबीब को सभी गोपनीय जानकारियां मुहैया करवाईं. अब तक परमजीत को 8-9 लाख रुपये मिल चुके थे. इनके बैंक अकाउंट भी सीज कर लिए गए हैं. साथ ही सेना से भी कंफर्म हो गया है कि जो कागजात मिले हैं वे काफी गोपनीय हैं.  वह सेना के सीक्रेट नक्शे, ऑपरेशन प्लान, फौज की ट्रेनिंग से जुड़ी जानकारियां और सेना की गोपनीय चिट्ठियां वह लीक कर रहा था. हबीबुर करीब 4 साल से ISI के लिए काम कर रहा था. सेना के करीब 4 और लोग शक के दायरे में हैं. हबीब के पास से कई मोबाइल फोन बरामद हुए हैं. मिलिट्री इंटेलीजेंस और पुलिस की क्राइम ब्रांच के साथ मिलकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया.

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पाकिस्तान के सिंध प्रांत में रहते हैं हबीबुर के रिश्तेदार
हबीबुर ये कागजात अपने पाकिस्तान के हैंडलर को भेजता था. वह पहले पाकिस्तान जा चुका था. उसके रिश्तेदार पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हैं. यहीं वह पाकिस्तानी हैंडलर्स के संपर्क में आया था. पाकिस्तान में हबीब अपने रिश्तेदारों के यहां भी गया था. हवाला के जरिए पैसा भी इनके अकाउंट में ट्रांसफर हुआ था.