"छात्र हैं,आतंकवादी नहीं",China में पढ़ने वाले Indian Students की याचिका पर 'HC की फटकार', केंद्र से जवाब मांगा

चीन (China) में पढ़ाई करने वाले छात्रों (Students) को भारत में प्रैक्टिकल ट्रेनिंग लेने की अनुमति देने संबंधी याचिका पर बृहस्पतिवार को केंद्र और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) से जवाब मांगा. यात्रा प्रतिबंधों के कारण चीन नहीं लौट पा रहे हैं ये छात्र.

China में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों की याचिका पर अदालत ने की सुनवाई

नई दिल्ली:

भारत-चीन (India-China) तनाव और कोरोनावायरस (Coronavirus) का असर चीन में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों के भविष्य के लिए चुनौती बन रहा है.  दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने चीन में पढ़ाई करने वाले 140 से अधिक मेडिकल छात्रों को भारत में प्रैक्टिकल ट्रेनिंग (Practical Training) लेने की अनुमति देने संबंधी याचिका पर बृहस्पतिवार को केंद्र और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) से जवाब मांगा क्योंकि ये छात्र यात्रा प्रतिबंधों (Travel Restrictions) के कारण अपने विश्वविद्यालय (University) नहीं जा पा रहे हैं. मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने याचिका पर कानून मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ-साथ एमएनसी को नोटिस जारी किये. याचिका में ऐसे छात्रों की ऑनलाइन कक्षाओं को मान्यता देने का भी अनुरोध किया गया है.

अदालत ने प्रतिवादी प्राधिकरणों को इस मुद्दे को देखने के लिए भी कहा क्योंकि ''याचिकाकर्ता छात्र हैं, आतंकवादी नहीं.''

चीन के निंगबो विश्वविद्यालय (Ningbo University) में मेडिसिन (Medicine) की पढ़ाई करने वाले 147 याचिकाकर्ता छात्रों ने अदालत को सूचित किया कि वे 2020 की शुरुआत में भारत लौट आए थे लेकिन चीन द्वारा छात्र वीजा (Visa) जारी नहीं करने की वजह से वे तब से वापस नहीं जा पाए.

याचिकाकर्ताओं ने कहा कि चीन द्वारा कम से कम सितंबर तक भारतीय छात्रों को वापस बुलाने की कोई योजना नहीं है. उन्होंने कहा कि इस बीच भारतीय विभागों ने कुछ नियमों को अधिसूचित किया है जो विदेशी विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे भारतीय छात्रों को अपने स्वयं के विदेशी चिकित्सा संस्थान से ही कोर्स, प्रशिक्षण और इंटर्नशिप पूरी करने को बाध्य करते हैं.

मामले की अगली सुनवाई 21 मार्च के लिए सूचीबद्ध की गई है।

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