दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने सोमवार को फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) और रिलायंस रिटेल (Reliance Retail) के बीच 24,713 करोड़ रुपये के सौदे के संबंध में एकल न्यायाधीश के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें उन्होंने एफआरएल और विभिन्न वैधानिक निकायों से यथास्थिति बनाए रखने के लिए कहा था. मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने एकल न्यायाधीश के दो फरवरी के आदेश को चुनौती देने वाली एफआरएल की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह अंतरिम आदेश दिया. पीठ ने अमेजन के इस अनुरोध को भी खारिज कर दिया कि न्यायालय अपने आदेश को एक सप्ताह के लिए रोके रखे, ताकि इसबीच वह उचित कदम उठाने के बारे में परामर्श कर सके.
उच्च न्यायालय ने दो फरवरी के ण्कल पीठ के आदेश पर रोक लगाते हुए कहा कि राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण, सीसीआई और सेबी जैसे वैधानिक निकायों को सौदे के संबंध में कानून के अनुसार आगे बढ़ने से रोका नहीं जा सकता है.
अदालत ने अमेजन को भी नोटिस जारी किया और 26 फरवरी तक एफआरएल की अपील पर उसका पक्ष मांगा, जिसके बाद इस मामले में दैनिक सुनवाई की जाएगी. दिल्ली उच्च न्यायालय में एकल न्यायाधीश ने दो फरवरी के अपने आदेश में एफआरएल को रिलायंस रिटेल के साथ 24,713 करोड़ रुपये के सौदे के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने के लिए कहा था.
अमेजन ने इस सौदे पर सिंगापुर के आपातकालीन पंचाट मंच के अंतरिम आदेश को लागू कराने के लिये उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. पंचाट ने फ्यूचर रिटेल को रिलायंस रिटेल के साथ उसके 24,713 करोड़ रुपये के सौदे पर रोक लगाने का अंतरिम आदेश दिया था.
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