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This Article is From Jan 22, 2013

दिल्ली गैंगरेप : दो-दो वकीलों ने किया एक अभियुक्त की ओर से वकालत करने का दावा

नई दिल्ली: दिल्ली के सामूहिक बलात्कार कांड के मुकदमे के स्थानांतरण के लिए दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय में उस समय विचित्र स्थिति पैदा हो गई जब दो-दो वकील अभियुक्त मुकेश का प्रतिनिधित्व करने का दावा करने लगे। प्रधान न्यायाधीश अल्तमस कबीर, न्यायमूर्ति जे चेलामेश्वर और न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन की खंडपीठ ने इस विचित्र स्थिति को देखते हुये कहा, ‘हम बुधवार को सुनवाई करेंगे।’

दिल्ली में तनावपूर्ण माहौल का जिक्र करते हुए मुकेश की ओर से वकील मनोहर लाल शर्मा ने यह मामला मथुरा की अदालत में स्थानांतरित करने के लिए याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि मौजूदा माहौल में दिल्ली की अदालत में निष्पक्ष और स्वतंत्र तरीके से सुनवाई संभव नहीं है।

मनोहर लाल शर्मा ने न्यायालय में बहस शुरू ही की थी कि एक अन्य वकील वीके आनंद ने बीच में ही दावा किया कि शर्मा अब अभियुक्त के वकील नहीं हैं। आनंद ने दावा किया कि अब वह मुकेश के वकील हैं।

इस मामले में मुकेश सहित पांच आरोपियों पर हत्या, सामूहिक बलात्कार, हत्या के प्रयास और अप्राकृतिक अपराध करने जैसे आरोप हैं। अन्य आरोपियों में राम सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर शामिल हैं। इनके अलावा एक अन्य आरोपी है जो नाबालिग है। उसके मामले पर किशोर न्याय बोर्ड गौर कर रहा है।

सामूहिक बलात्कार के इस मामले में त्वरित अदालत ने 24 जनवरी से अभियोग निर्धारण की कार्यवाही शुरू करने का निश्चय किया है।

दिल्ली में 16 दिसंबर को चलती बस में सामूहिक बलात्कार और यौन हिंसा की शिकार इस युवती की बाद में 29 दिसंबर को सिंगापुर के एक अस्पताल में उपचार के दौरान मृत्यु हो गई थी। इस घटना में युवती का पुरुष मित्र भी जख्मी हो गया था।

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