यह ख़बर 12 अप्रैल, 2013 को प्रकाशित हुई थी

दिल्ली दुष्कर्म : बचाव पक्ष का दावा, निर्दोष लड़कों को फंसाया गया

खास बातें

  • दिल्ली के चर्चित सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों में से एक के वकील ने शुक्रवार को सुनवाई कर रही अदालत में दावा किया कि पुलिस ने इस मामले में निर्दोष लड़कों को बेवजह फंसाया है।
नई दिल्ली:

दिल्ली के चर्चित सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों में से एक के वकील ने शुक्रवार को सुनवाई कर रही अदालत में दावा किया कि पुलिस ने इस मामले में निर्दोष लड़कों को बेवजह फंसाया है।

आरोपी का बचाव करते हुए वकील शर्मा ने कहा, "मैं 17 दिसंबर से तभी से क्षुब्ध हूं जब से इन निर्दोष लड़कों को इस मामले में फंसाने की जानकारी मुझे मिली।"

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश योगेश खन्ना की गवाहों से जिरह में देरी न करने की बार-बार की चेतावनी के बावजूद शर्मा ने एक गवाह के बाद अन्य गवाहों से जिरह नहीं की।

कार्यवाही के दौरान विशेष लोक अभियोजक दयान कृष्णनन ने जिरह के दौरान गवाह से शर्मा द्वारा अप्रासंगिक सवाल पूछे जाने पर आपत्ति दर्ज की।

शर्मा ने हालांकि यह दावा कि 99 फीसदी उनके सवाल प्रासंगिक हैं और वे मामले में अंतिम दलील पेश करते समय इसे साबित कर देंगे।

मामले के आरोपी विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर के वकील शर्मा ने तिहाड़ जेल का दौरा करने की अनुमति देने की मांग करते हुए अर्जी पेश की। उन्होंने कहा कि जेल में उनके मुवक्किलों की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा उन्हें लेना है।

वकील ने यह भी दावा किया कि जेल अधिकारियों ने सुरक्षा व्यवस्था से संबंधित सीडी उन्हें मुहैया नहीं कराई है।

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वकील ने यह भी कहा कि जिस दिन कैदियों के हमले में विनय का हाथ टूटा था, उस दिन की सीसीटीवी रिकार्डिग उन्हें नहीं दिखाई गई।