दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने जाली बैंक दस्तावेजों का इस्तेमाल कर खरीदारों को लग्जरी कार बेचने के आरोप में एक गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि आरोपी राजीव कुमार (34), वैभव राणा (21) और विजेंद्र राणा (51) के पास से सात गाड़ियां जब्त की गई हैं. यह गिरोह दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश में सक्रिय था. पुलिस ने बताया कि गिरोह अलग-अलग बैंकों से फर्जी आवेदकों के नाम पर आम तौर पर गाड़ियों के लिए कर्ज लेते थे और बाद में कार को ग्राहकों (पीड़ितों) को बेच दिया करते थे. इसके लिए वे उस बैंक का जाली अनापत्ति प्रमाण-पत्र परिवहन प्राधिकरण में जमा कराते थे जिससे कर्ज लिया गया होता था.
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पुलिस के मुताबिक, दो अगस्त को निजी बैंक से शिकायत मिली कि उन्होंने दो लोगों को दो गाड़ियों पर कर्ज दिया था और आरोप लगाया कि बाद में उन्हें पता चला आरटीओ में जमा कराए गए फर्जी दस्तावेजों के जरिए दोनों गाड़ियों के पंजीकरण प्रमाण पत्र (आरसी) से बैंक का रेहननामा हटा दिया गया. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान, स्थानीय खुफिया तंत्र और तकनीकी निगरानी की मदद से गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया गया और उनके खुलासे पर सात वाहनों को जब्त कर लिया गया.
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अधिकारी ने बताया, “पूछताछ करने पर आरोपियों ने बताया कि वे फर्जी आवेदकों के जरिए गाड़ियों पर कर्ज लेते थे और बाद में बैंकों के फर्जी अनापत्ति प्रमाण-पत्रों को परिवहन प्राधिकरणों में जमा करा के आरसी पर से बैंक के रेहननामा को हटवा लिया करते थे. इसके बाद वे विभिन्न डीलरों के जरिए विभिन्न ग्राहकों को गाड़ियां बेच दिया करते थे.” पुलिस के मुताबिक, आरोपी विजेंद्र राणा ने बताया है कि वह पहले हरियाणा में हत्या और अपहरण के मामलों में शामिल रहा है और 14 साल की जेल की सजा काट चुका है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं