दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) आज से 10 दिन के लिए विपश्यना मेडिटेशन (Vipassana Meditation) के लिए गए हैं. यह पहली बार नहीं है जब केजरीवाल मेडिटेशन के लिए गए हैं. पूर्व में भी कई बार केजरीवाल विपश्यना ध्यान के लिए जा चुके हैं. महाराष्ट्र के इगतपुर, हिमाचल प्रदेश के धर्मकोट सहित कई विपश्यना शिविरों में पहले भी केजरीवाल 10 दिवसीय विपश्यना सत्रों का हिस्सा बन चुके हैं. शिविर के दौरान केजरीवाल के पास न टीवी होगा और न ही वह अखबार ही देख सकेंगे.
केजरीवाल ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव और साल 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के अपने बेहद व्यस्त चुनाव प्रचार के दौरान भी विपश्यना के लिए समय निकाला था. अवकाश लेकर वे दस दिनों के लिए शिविरों से जुड़े थे.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 10 दिन की छुट्टी पर, विपश्यना के लिए जाएंगे नासिक
राजनीति में आने से पूर्व भी केजरीवाल विपश्यना शिविरों में जाते रहे हैं. उनके साथी और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी अलग-अलग विपश्यना ध्यान शिविरों में जाते रहे हैं.
साथ ही केजरीवाल की रुचि प्राकृतिक चिकित्सा में भी रही है. बेंगलुरु के नेचुरौपैथी सेंटर में भी केजरीवाल जा चुके हैं.
विपश्यना ध्यान शिविर के दौरान साधक बाहरी दुनिया से पूरी तरह से कट जाता है. दिन भर शिविर में ध्यान करते हुए ही बिताना पड़ता है और किसी से भी बातचीत की इजाजत नहीं होती है. ऐसे में न बाहरी लोगों को साधक के बारे में पता होता है और न ही साधक को दुनिया की कोई खबर होती है.
ऐसे जानिए विपश्यना को
विपश्यना प्राचीन ध्यान पद्धति है, जिसका अर्थ देखकर लौटना होता है. यह आत्मशुद्धि और आत्मनिरीक्षण की एक पद्धति है. कहा जाता है कि भगवान बुद्ध को विपश्यना के जरिये ही बुद्धत्व हासिल हुआ था. इसमें पहले सांसों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, फिर दूसरे स्टेप में चुपचाप अपने शरीर और मन की प्रतिक्रियाओं पर नजर रखी जाती है. इससे मन को शांत करने, तनाव कम करने, नकारात्मकता को दूर करने जैसे कई लाभ हैं.
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