अरविंद केजरीवाल पिछले एक दशक से भी अधिक समय से विपश्यना के लिए जाते रहे हैं (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने कामकाज से 10 दिन की छुट्टी लेकर मेडिटेशन करने जा रहे हैं. मेडिटेशन के लिए वे नासिक स्थित विपश्यना शिविर में 10 दिन रहेंगे. उनकी गैर मौजूदगी में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया उनका कामकाज संभालेंगे.
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अरविंद केजरीवाल का विपश्यना से पुराना नाता है. जब वे राजनीति में भी नहीं थे, सूचना के अधिकार कानून पर काम रहे थे, तभी से वे और उनके साथी मनीष सिसोदिया ध्यान योग के लिए अलग-अलग जगहों पर विपश्यना शिविरों में जाते रहे हैं. अरविंद खुद को नई ऊर्जा से भरने के लिए हर साल विपश्यना जाते हैं. इससे पहले वे हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में गए थे. इसके अलावा प्राकृतिक चिकित्सा में भी अरविंद की गहरी रूचि है. इसके लिए वे बेंगलुरु के नेचुरोपैथी सेंटर जाते रहे हैं.
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विपश्यना वह ध्यान योग शिविर है जहां के नियम बहुत कड़े होते हैं. यहां साधक रोजमर्रा के जीवन, अपने परिवार और बाहरी दुनिया की हर ख़बर से दूर हो जाता है. इन शिविरों में किसी को आपस में बात करने की इजाजत नहीं होती है. शिविर में जाने वाले बताते हैं कि दो दिन बाद आपकों यह भी पता नहीं चल पाता है कि आज दिन कौन सा है. किसी तरह के सूचना संपर्क जैसे मोबाइल, अखबार, टीवी आदि का इस्तेमाल यहां नहीं किया जाता है.
VIDEO:केजरीवाल सरकार ने अपनी ही पार्टी को दिया नोटिस
विपश्यना साधना मन का व्यायाम है. जैसे शारीरिक व्यायाम से शरीर को स्वस्थ बनाया जाता है वैसे ही विपश्यना से मन को स्वस्थ बनाया जा सकता है.
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अरविंद केजरीवाल का विपश्यना से पुराना नाता है. जब वे राजनीति में भी नहीं थे, सूचना के अधिकार कानून पर काम रहे थे, तभी से वे और उनके साथी मनीष सिसोदिया ध्यान योग के लिए अलग-अलग जगहों पर विपश्यना शिविरों में जाते रहे हैं. अरविंद खुद को नई ऊर्जा से भरने के लिए हर साल विपश्यना जाते हैं. इससे पहले वे हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में गए थे. इसके अलावा प्राकृतिक चिकित्सा में भी अरविंद की गहरी रूचि है. इसके लिए वे बेंगलुरु के नेचुरोपैथी सेंटर जाते रहे हैं.
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विपश्यना साधना मन का व्यायाम है. जैसे शारीरिक व्यायाम से शरीर को स्वस्थ बनाया जाता है वैसे ही विपश्यना से मन को स्वस्थ बनाया जा सकता है.
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