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This Article is From Aug 16, 2020

दिल्ली में मोहर्रम के दौरान जूलूस और गणेश उत्सव पर सार्वजनिक मूर्ति स्थापना पर रोक

दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने दिल्ली के सभी संबंधित अधिकारियों को केंद्र सरकार की गाइडलाइन का कड़ाई से पालन कराने के निर्देश जारी किए

दिल्ली में मोहर्रम के दौरान जूलूस और गणेश उत्सव पर सार्वजनिक मूर्ति स्थापना पर रोक
प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:

कोविड-19 के मद्देनजर केंद्र सरकार से जारी निर्देशों का पालन करते हुए इस बार दिल्ली में मोहर्रम त्योहार के दौरान जूलूस/ताजिया निकालने पर पाबंदी रहेगी. दिल्ली सरकार के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) द्वारा जारी आदेश के तहत गणेश चतुर्थी पर्व पर भी भगवान गणेश की सार्वजनिक मूर्ति स्थापना या पंडाल बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. डीडीएमए की तरफ से कोविड-19 के संक्रमण के खतरे के मद्देनजर लोगों से सामाजिक दूरी का पालन करते हुए इन पर्वों को अपने घर पर ही धूमधाम के साथ मनाने की अपील की गई है. साथ ही डीडीएमए ने सभी संबंधित विभागों को केंद्र सरकार से जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन कराने का निर्देश दिया गया है. 

दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की तरफ से जारी दिशा-निर्देश के मुताबिक, डीडीएमए दिल्ली में कोविड-19 महामारी के फैलने के खतरे से वाकिफ है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पहले से ही कोविड-19 को महामारी घोषित किया हुआ है. लिहाजा दिल्ली सरकार कोविड-19 के फैलने से रोकने के लिए सभी प्रभावी उपाय कर रही है. कोविड-19 को फैलने से रोकने के मद्देनजर डीडीएमए सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को समय-समय पर विभिन्न दिशा-निर्देश जारी करती रही है. 

डीडीएमए ने आगामी त्योहारों के दौरान आयोजित होने वाले समारोहों और कार्यक्रमों के मद्देनजर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, जिला मजिस्ट्रेट को भी कोविड-19 महामारी के मद्देनजर आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए थे, ताकि समारोहों या कार्यक्रमों में अधिक भीड़ एकत्र न हो सके और कोविड-19 को फैलने से रोका जा सके. 

डीडीएमए ने कहा है कि इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी 28 जुलाई 2020 को एक डीओ लेटर के जरिए दिशा-निर्देश जारी किया है. जिसके तहत दिल्ली सरकार की तरफ से बड़े धार्मिक समारोहों और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों में भीड़ को रोकने के लिए आवश्यक प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन दिशा-निर्देशों का उल्लंघन होता देखा जा रहा है. लिहाजा, केंद्र सरकार से जारी गाइड लाइन का संबंधित विभाग के अधिकारियों को कड़ाई से पालन कराना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है. आगामी त्योहारों के मद्देनजर विस्तार से गाइड लाइन जारी की गई है, जिसका सभी विभागों द्वारा अनुपालन कराया जाना अनिवार्य है. राज्य कार्यकारिणी समिति, डीडीएमए ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा-22 के तहत सभी संबंधित अधिकारियों और फील्ड अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

अधिकारियों से कहा गया है कि भारत सरकार/दिल्ली सरकार द्वारा समय-समय पर जारी किए गए सभी दिशा-निर्देश कोविड-19 के फैलने से रोकने के लिए कड़ाई से अनुपालन कराया जाए. गणेश चतुर्थी महोत्सव के दौरान, भगवान गणेश की कोई मूर्ति टेंट/पांडा/सार्वजनिक स्थान पर स्थापित नहीं की जाएगी, और न ही जुलूस के लिए किसी भी प्रकार की अनुमति दी जाएगी. कोविड-19 महामारी के इस समय में लोगों को उनके घर पर ही त्योहार मनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. इसी तरह, मोहर्रम समारोह के दौरान जुलूस/ताजिया के लिए कोई अनुमति नहीं दी जाएगी और जनता को अपने घरों में और सार्वजनिक स्थानों पर कोविड-19 महामारी के समय पर इसे मनाने के लिए प्रोत्साहित/सलाह दी जाएगी.

कहा गया है कि जिला मजिस्ट्रेट और जिला डीसीपी हर ऐसे त्यौहार व अवसरों से पहले धार्मिक/सामुदायिक नेताओं के साथ बैठकें आयोजित करेंगे, जिनमें बड़ी सभा/मंडली की संभावना है, ताकि कानून-व्यवस्था और सौहार्द बनाए रखने के लिए उनका सहयोग मिल सके और जनता के लिए भी संवेदनशील हो सके. सरकार द्वारा कोविड-19 से लड़ने के लिए समय-समय पर गाइड लाइन/निर्देश जारी किए गए हैं. पर्याप्त पुलिस बल सभी सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में और दिल्ली के एनसीटी में सम्मिलत क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा. यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि भीड़ किसी भी तरह से किसी भी धार्मिक/सामाजिक स्थान पर इकट्ठी न हो. दिल्ली में सभी सार्वजनिक स्थानों, बस स्टेंड, रेलवे स्टेशनों और संवेदनशील/धार्मिक स्थानों पर त्योहारों के दौरान जांच के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए जाएं.

आवश्यकता के अनुसार धार्मिक/ सार्वजनिक स्थानों पर सघन तलाशी और जांच के लिए डॉग स्क्वॉड, एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड और बम निरोधक टीमों की तैनाती के लिए उचित व्यवस्था की गई है. सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर निर्बाध यातायात सुनिश्चित किया जाए. जरूरी बैरिकेड और पुलिस चेक पोस्ट को खड़ा करके संदिग्ध वाहनों की जांच के लिए व्यवस्था की जाएगी. बिजली, पानी और स्वच्छता, हाइजेनिक और सैनिटाइजेशन आदि जैसी महत्वपूर्ण सार्वजनिक सुविधाएं प्रदान करने पर पर्याप्त जोर दिया जाना चाहिए.

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