विज्ञापन
This Article is From Nov 08, 2018

अब बदनामी में बीजिंग की जगह ले रही दिल्ली: जानें प्रदूषण को लेकर चीन ने कैसे बदले हालात

दिल्ली से पहले चीन के बीजिंग शहर की हालत भी कुछ ऐसी ही हुआ करती थी, मगर चीन सरकार के प्रयासों ने उस शहर को खतरनाक प्रदूषण से शहर को उबार दिया.

अब बदनामी में बीजिंग की जगह ले रही दिल्ली: जानें प्रदूषण को लेकर चीन ने कैसे बदले हालात
दिल्ली वायु प्रदूषण (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: पहले से ही गैस चेंबर में तब्दील दिल्ली दिवाली पर बढ़े प्रदूषण की वजह से और ज़हरीली हो गई. दिल्ली वालों ने दिवाली की रात सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की ऐसी धज्जियां उड़ाईं कि दिल्ली एनसीआर में धुंध की मोटी चादर बिछ गई. वहीं दिवाली के बाद देश के कई इलाकों में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया. दिवाली के बाद की सुबह दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स 374 तक पहुंचा हुआ था .जो बहुत ही ख़राब की श्रेणी में आता है. कई जगह ये आंकड़ा 999 तक देखा गया जो ख़तरनाक से भी अधिक है. यानी अभी दिल्ली की हवा और भी ज्यादा जहरीली हो गई है और यहां सांस लेने का मतलब है, अपने भीतर जहर लेना. ऐसे भी कई ऐसी रिपोर्ट आईं हैं, जिसमें दावा किया गया है कि दिल्ली की हवा रोजाना 20 से 25 सिगरेट के जहर के बराबर है. दरअसल, दिल्ली से पहले चीन के बीजिंग शहर की हालत भी कुछ ऐसी ही हुआ करती थी, मगर चीन सरकार के प्रयासों ने उस शहर को खतरनाक प्रदूषण से शहर को उबार दिया. 

दिल्लीवालों ने जमकर उड़ाई सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की धज्जियां, दिवाली के पटाखों ने बिछाई धुंध की चादर, जानें अन्य शहरों का हाल

आज जो हाल दिल्ली का है कुछ साल पहले तक कुछ ऐसा ही हाल चीन का था लेकिन कुछ ख़ास कोशिशों के बाद बीजिंग की हवा बेहतर होने लगी. आखिर चीन को कैसे प्रदूषण कम करने में सफलता मिली, चलिए एक नजर डालते हैं. 

दरअसल, 2000 के दशक की शुरुआत में चीन का हाल कुछ ऐसा था. लेकिन 2013 से वहां की हवा साफ़ होने लगी. अब बदनामी में बीजिंग की जगह दिल्ली ले रही है. जिसका विकास के साथ साथ आए प्रदूषण ने दम घोंट दिया है. बीजिंग में 2013 में PM2.5 स्तर 50 से लेकर 400 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के बीच गया लेकिन ज़्यादातर 250 के नीचे ही रहा. लेकिन दिल्ली में नवंबर 2013 से जनवरी 2014 के बीच PM2.5 का स्तर देखें तो वो औसतन 240 था जो वैश्विक स्तर से 8 गुना ज़्यादा है. दिल्ली में ये 575 तक पहुंचा. 

दिल्ली में 24 घंटे में 22 सिगरेट जितना प्रदूषण, न पीने वालों के भी होने लगे फेफड़े खराब

बुधवार शाम को बीजिंग में PM2.5 का सबसे ज़्यादा स्तर 38 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा जबकि दिल्ली में ये  300 रहा जो स्वीकृत स्तर से 10 गुना ज़्यादा है. 

इस पर निदेशक, पर्यावरण शोध केंद्र, चीन के पर्यावरम शोध केंद्र के निदेशक जुन्जी झांग ने कहा कि चीन की सरकार ने हवा साफ़ करने के लिए विकास को कुछ धीमा करने का दर्द उठाया है. पहले नियमों का गंभीरता से पालन नहीं होता था. जबसे शी राष्ट्रपति बने तो उन्होंने इस बारे में बहुत गंभीरता दिखाई. नए आंकड़ों और विशेषज्ञों की मदद से चीन लगातार अपने लक्ष्यों को सुधारता रहता है. 

CPCB ने पेट्रोल पंपों पर प्रदूषण-रोधी उपकरण नहीं लगाने पर तेल कंपनियों को भेजा नोटिस

तो आखिर चीन ने क्या किया?
2013 में चीन ने राष्ट्रीय वायु क्वॉलिटी ऐक्शन प्लान शुरू किया
बीजिंग के आसपास कोयले से चलने वाले विद्युत संयंत्र बंज किए जिससे प्रदूषण में कमी आई.
सड़कों पर कारों की संख्या पर पाबंदी लगी. 
जन परिवहन को बढ़ावा देकर, किराये कम किए गए. 
उद्योगों को ग्रीन बनने के लिए प्रोत्साहन मिला. 
और प्रदूषण बढ़ने पर स्थानीय सरकारों को जुर्माना भरना पड़ता है. 

बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए Air Purifier की जमकर हो रही है खरीददारी, 500 करोड़ तक पहुंचा कारोबार

भारत ने क्या किया?
48 घंटे तक बेहद ख़तरनाक स्तर रहने के बाद ही ऐक्शन प्लान लागू हुआ. 
जन परिवहन अब भी काफ़ी कम हैं. 
पराली जलाने आदि पर राज्यों आपस में आरोप लगाते हैं. 
क़ानून कम सख़्त हैं और उनपर ढंग से अमल भी नहीं होता. 

VIDEO: पटाखे पर बैन का अनोखा विरोध

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com