नई दिल्ली:
नियंत्रण रेखा पर भारतीय सैनिकों पर हुए हमले के बारे में रक्षामंत्री एके एंटनी ने आज संसद में कहा, अब यह स्पष्ट हो गया है कि पाकिस्तानी सेना के विशेष सैन्य दल इस हमले में शामिल थे। रक्षामंत्री ने कहा कि पाकिस्तानी सेना के समर्थन, सहायता और सुविधा मुहैया कराए बिना और अक्सर उनकी प्रत्यक्ष भागीदारी के बिना पाकिस्तान की ओर से कुछ भी नहीं होता।
वहीं, सूत्रों का कहना है कि भारत सरकार की ओर से यह संदेश दिया जा रहा है कि सबकुछ सामान्य नहीं है। साथ ही पाकिस्तान को अब यह दिखाना होगा कि वह सीमा पर इस प्रकार के हमलों को रोकने के लिए कारगर कदम उठाएगा।
लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने रक्षामंत्री के इस बयान का स्वागत किया और कहा कि यह बयान अब पाकिस्तान के लिए जवाब है।
रक्षामंत्री ने घटनास्थल का दौरा करके लौटे सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह से इस मामले में मिले ब्योरे के बाद लोकसभा और राज्यसभा में आज दिए गए बयान में कहा, अब यह स्पष्ट है कि पाकिस्तानी सेना के विशेष सैन्य दल इस हमले में शामिल थे... हम सभी जानते हैं कि पाकिस्तानी सेना के समर्थन, सहायता और सुविधा मुहैया कराए बिना तथा प्राय: उनकी प्रत्यक्ष भागीदारी के बिना पाकिस्तान की ओर से कुछ भी नहीं होता है।
उल्लेखनीय है कि एंटनी ने 6 अगस्त को संसद के दोनों सदनों में इस घटना के बारे में बयान दिया था, जिसमें कहा गया था कि भारी हथियारों से लैस 20 आतंकवादी, जिसमें से कुछ पाकिस्तानी सेना की वर्दी पहने हुए थे, उन्होंने हमला किया।
उनके उस बयान पर विपक्ष ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा था कि ऐसा कहकर रक्षामंत्री ने पाकिस्तान को इस घटना के मामले में बचाव का रास्ता दे दिया है। हालांकि रक्षामंत्री ने इस पर सफाई देते हुए कहा था कि उन्होंने उस समय तक प्राप्त जानकारी के आधार पर अपना बयान दिया था और घटनास्थल पर गए सेना प्रमुख से नई जानकारियां प्राप्त करने के बाद वह उसके आधार पर एक और बयान देंगे।
आज के बयान में रक्षामंत्री ने कहा, स्वाभाविक रूप से इस घटना से नियंत्रण रेखा पर हमारे व्यवहार और पाकिस्तान के साथ हमारे संबंधों पर प्रभाव पड़ेगा। एंटनी ने कहा, हमारे संयम को हल्के ढंग से नहीं लिया जाए और न ही सशस्त्र सेनाओं की क्षमता और नियंत्रण रेखा की गरिमा बनाए रखने के सरकार के संकल्प पर कभी संदेह किया जाना चाहिए।
(इनपुट भाषा से भी)
वहीं, सूत्रों का कहना है कि भारत सरकार की ओर से यह संदेश दिया जा रहा है कि सबकुछ सामान्य नहीं है। साथ ही पाकिस्तान को अब यह दिखाना होगा कि वह सीमा पर इस प्रकार के हमलों को रोकने के लिए कारगर कदम उठाएगा।
लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने रक्षामंत्री के इस बयान का स्वागत किया और कहा कि यह बयान अब पाकिस्तान के लिए जवाब है।
रक्षामंत्री ने घटनास्थल का दौरा करके लौटे सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह से इस मामले में मिले ब्योरे के बाद लोकसभा और राज्यसभा में आज दिए गए बयान में कहा, अब यह स्पष्ट है कि पाकिस्तानी सेना के विशेष सैन्य दल इस हमले में शामिल थे... हम सभी जानते हैं कि पाकिस्तानी सेना के समर्थन, सहायता और सुविधा मुहैया कराए बिना तथा प्राय: उनकी प्रत्यक्ष भागीदारी के बिना पाकिस्तान की ओर से कुछ भी नहीं होता है।
उल्लेखनीय है कि एंटनी ने 6 अगस्त को संसद के दोनों सदनों में इस घटना के बारे में बयान दिया था, जिसमें कहा गया था कि भारी हथियारों से लैस 20 आतंकवादी, जिसमें से कुछ पाकिस्तानी सेना की वर्दी पहने हुए थे, उन्होंने हमला किया।
उनके उस बयान पर विपक्ष ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा था कि ऐसा कहकर रक्षामंत्री ने पाकिस्तान को इस घटना के मामले में बचाव का रास्ता दे दिया है। हालांकि रक्षामंत्री ने इस पर सफाई देते हुए कहा था कि उन्होंने उस समय तक प्राप्त जानकारी के आधार पर अपना बयान दिया था और घटनास्थल पर गए सेना प्रमुख से नई जानकारियां प्राप्त करने के बाद वह उसके आधार पर एक और बयान देंगे।
आज के बयान में रक्षामंत्री ने कहा, स्वाभाविक रूप से इस घटना से नियंत्रण रेखा पर हमारे व्यवहार और पाकिस्तान के साथ हमारे संबंधों पर प्रभाव पड़ेगा। एंटनी ने कहा, हमारे संयम को हल्के ढंग से नहीं लिया जाए और न ही सशस्त्र सेनाओं की क्षमता और नियंत्रण रेखा की गरिमा बनाए रखने के सरकार के संकल्प पर कभी संदेह किया जाना चाहिए।
(इनपुट भाषा से भी)
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