Cyclone Nisarga: मुंबई और महाराष्ट्र के लिए बड़ी राहत की खबर है. चक्रवाती तूफान निसर्ग का खतरा लगभग टल गया है. एजेंसी स्काईमैट के अनुसार, हालांकि बारिश और तेज हवाएं जारी रहेंगी लेकिन हवाओं की गति 50 किमी/घंटे से ज्यादा नहीं रहेगी. साइक्लोन निसर्ग के केंद्रबिंदु ने लैंडफॉल का चरण पूरा कर लिया है. निसर्ग तूफान महाराष्ट्र से गुजर चुका है और गुजरात की ओर बढ़ गया है. यही नहीं, इसकी तीव्रता भी कम हो गई है.चक्रवात निसर्ग बुधवार दोपहर को महाराष्ट्र के तटों से टकराया था.इस दौरान, कई जगहों पर बारिश और तेज हवाएं चलने की खबरें आई थीं.
एनडीआरएफ प्रमुख एस एन चौधरी ने ट्वीट में कहा कि चक्रवाती तूफान निसर्ग से आज दोपहर मुंबई से 100 किलोमीटर दूर अलीबाग के पास लैंडफॉल हुआ. उन्होंने कुछ तस्वीरें भी शेयर की थींं जिसमें भारी बारिश और तेज हवाओं के बीच पेड़ गिर हुए दिखाई दे रहे थे . वहीं, मौसम विभाग ने कहा कि भूदर्श (लैंडफॉल) की प्रक्रिया एक घंटे में पूरी हो जाएगी. इस दौरान, रायगढ़ जिले के अलीबाग में भारी बारिश और तेज हवाओं का कहर देखा गया. मौके पर एनडीआरएफ की टीमें मौजूद रही और लोगों को राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया था .
इससे पहले, मौसम विभाग ने अपने ट्वीट में कहा, "चक्रवात निसर्ग का केंद्र महाराष्ट्र तट के काफी करीब है. भूस्खलन की प्रकिया शुरू हो गई है और यह अगले तीन घंटों तक जारी रहेगी." मौसम विभाग के अनुसार, इस तूफान के असर से अगले 12 घंटों में 100 से 120 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने और भारी बारिश के अलावा भूस्खलन भी हो सकता है.
THE CENTER OF THE SEVERE CYCLONE "NISARGA" IS VERY CLOSE TO MAHARASHTRA COAST. LANDFALL PROCESS STARTED AND IT WILL BE COMPLETED DURING NEXT 3 HOURS. THE NORTHEAST SECTOR OF THE EYE OF SEVERE CYCLONIC STORM “NISARGA” IS ENTERING INTO LAND.
— India Met. Dept. (@Indiametdept) June 3, 2020
एनडीआरएफ के महानिदेशक एस एन प्रधान ने एएनआई को बताया कि चक्रवात को देखते हुए गुजरात और महाराष्ट्र में एनडीआरएफ की करीब 43 टीमें तैनात की गई हैं, जिसमें से 21 टीमें महाराष्ट्र में हैं. साइक्लोन वाली जगहों से करीब 1 लाख लोगों को बाहर निकाला गया है.
इस बीच, पुलिस ने कल देर रात आदेश जारी करके, लोगों को समुद्र तट, पार्क जैसे सार्वजनिक स्थानों के साथ मुंबई तटीय रेखा पर सैर सपाटा करने से रोका है.
मौसम विभाग के मुताबिक, बीती एक सदी में ये पहला चक्रवाती तूफ़ान है जो महाराष्ट्र के तट से टकराया. इससे पहले 1948 और 1980 में दो बार चक्रवाती तूफ़ान उठा था लेकिन वो तट से नहीं टकराया, समुद्र में ही कमज़ोर पड़ गया था.
निसर्ग के खतरे को देखते हुए, मध्य रेलवे ने मुंबई से कुछ ट्रेनों के मार्गों को बदला और कुछ के समय में परिवर्तन किया है. मध्य रेलवे (सीआर) ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि मुम्बई से चलने वाली पांच विशेष ट्रनों का समय बदला गया है और तीन विशेष ट्रेनों के मार्ग को बदला जाएगा. बदलाव के बाद एलटीटी- गोरखपुर विषेष अब सुबह 11 बजकर 10 मिनट की बजाय रात आठ बजे रवाना होगी. एलटीटी- तिरुवनंतपुरम विशेष सुबह 11 बजकर 40 की बजाय शाम छह बजे और एलटीटी-दरभंगा विशेष दोपहर सवा 12 की बजाय रात साढ़े आठ बजे रवाना होगी.
मौसम विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को बताया था कि अरब सागर में कम दबाब के क्षेत्र के कारण चक्रवाती तूफान निसर्ग के और प्रबल होने की संभावना है. यह बुधवार दोपहर उत्तर महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के तट पर पहुंचेगा और इसे पार कर जाएगा.
महाराष्ट्र और गुजरात ने आपदा से मुकाबले के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के दलों को तैनात कर दिया है और जिन क्षेत्रों के चक्रवात से प्रभावित होने की आशंका है वहां से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. कोविड-19 महामारी के संकट से पहले से जूझ रहे दोनों पश्चिमी राज्यों ने चक्रवात से मुकाबले के लिए कमर कस ली है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को इन दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत कर उन्हें केंद्र द्वारा हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया था.
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