आईएनएस सुमित्रा की मदद से बचाए गए बांग्लादेश के लोग.
नई दिल्ली:
बांग्लादेश में आए चक्रवाती तूफान 'मोरा' की चपेट में आए 27 लोगों को भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस 'सुमित्रा' की मदद से बचाया गया है. भारतीय नौसेना की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि बांग्लादेश के चटगांव से करीब 100 मील दूर समुद्र में 27 लोग बहकर जा रहे थे, तभी भारतीय जहाज सुमित्रा पर तैनात जवानों की नजर उनपर पड़ी. जवानों 27 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है. चटगांव के दक्षिण में 90 मील की दूरी पर बचाव अभियान चल रहा है. तूफान मोरा से इससे पहले श्रीलंका में 180 लोगों की मौत हो चुकी है. भारतीय पोत उन लोगों की मदद कर रहा है जो तूफान की वजह से बह गए हैं. नौसेना के एक अधिकारी ने कहा, "एक शख्स बहुत ही गंभीर स्थिति में है, उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है." तूफान ने मंगलवार को बांग्लादेश में दस्तक दी थी, जिसके बाद मदद के लिए बांग्लादेश पहुंचे भारतीय नौसेना के जहाजों ने बचाव एवं राहत अभियान शुरू कर दिया था.
'मोरा' के कारण बांग्लादेश की उत्तरी खाड़ी, तटीय जिलों और समुद्री बंदरगाहों में बारिश या गरज के साथ छींटे पड़े और जोरदार हवाएं चलीं. उन्होंने बताया कि चक्रवात केंद्र के 64 किमी दायरे में चलने वाली हवा की रफ्तार 89 किमी प्रतिघंटे से बढ़कर 117 किमी प्रति घंटा हो गई.
'बी डी न्यूज' ने आपदा प्रबंधन मंत्रालय के नियंत्रण कक्ष के प्रवक्ता अतिरिक्त सचिव गुलाम मुस्तफा के हवाले से कहा कि अधिक से अधिक 3,00,000 लोगों को उन 10 जिलों से सुरक्षित आश्रयों में पहुंचाया गया, जहां चक्रवात आने का सबसे अधिक खतरा है.
'मोरा' के कारण बांग्लादेश की उत्तरी खाड़ी, तटीय जिलों और समुद्री बंदरगाहों में बारिश या गरज के साथ छींटे पड़े और जोरदार हवाएं चलीं. उन्होंने बताया कि चक्रवात केंद्र के 64 किमी दायरे में चलने वाली हवा की रफ्तार 89 किमी प्रतिघंटे से बढ़कर 117 किमी प्रति घंटा हो गई.
मोरा तूफान में फंसे लोगों को बचाते हुए भारतीय नौसेना.
'बी डी न्यूज' ने आपदा प्रबंधन मंत्रालय के नियंत्रण कक्ष के प्रवक्ता अतिरिक्त सचिव गुलाम मुस्तफा के हवाले से कहा कि अधिक से अधिक 3,00,000 लोगों को उन 10 जिलों से सुरक्षित आश्रयों में पहुंचाया गया, जहां चक्रवात आने का सबसे अधिक खतरा है.
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