हुदहुद तूफान का असर धीरे-धीरे कम हो रहा है। इसकी रफ्तार करीब 200 किलोमीटर प्रति घंटे से घटकर 50 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच गई है, लेकिन ओडिशा और आंध्र के तटीय इलाकों में हुदहुद ने जबरदस्त तबाही मचाई है। तूफान की वजह से अब तक ओडिशा में तीन और आंध्र प्रदेश में पांच लोगों की मौत हो गई है।
आंध्र प्रदेश और ओडिशा में हुदहुद तूफान भले ही कमजोर पड़ गया हो, अब चुनौती इससे पहुंची तबाही से निपटने की है। तूफान के कहर से सबसे ज्यादा प्रभावित आंध्र प्रदेश में अब राहत अभियान तेज हो गया है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने एक उच्चस्तरीय बैठक की और राहत अभियान को लेकर कुछ अहम फैसले किए। पीड़ितों तक आज शाम तक सात हजार खाने के पैकेट, राहत सामग्री के तौर पर पहुंचाए जाएगी। हर परिवार को 25 किलों चावल दिए जाएंगे।
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना वाराणसी दौरा रद्द करके मंगलवार को विशाखापट्टनम जा रहे हैं। तूफान से सबसे ज़्यादा नुकसान यहीं हुआ है। बहुत से मकानों और व्यवसायिक इमारतों को काफी नुकसान पहुंचा है। तेज हवाओं की वजह से जगह-जगह सड़कों पर पेड़ गिर गए हैं। विशाखापट्टनम के ज्यादातर इलाकों में बिजली और फोन लाइन पूरी तरह से ठप हैं।
नौसेना ने राहत और बचाव के लिए ऑपरेशन लहर चला रखा है जबकि एनडीआरएफ सेना और स्थानीय प्रशासन भी राहत और बचाव कार्य में जुटा हुआ है। आंध्र प्रदेश के 320 गांवों में ढाई लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। खतरे वाले इलाकों से 1 लाख 35 हज़ार से ज्यादा लोगों को 223 राहत कैंपों में पहुंचाया गया है।
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