जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में हुए आतंकी विस्फोट में मध्यप्रदेश (Madhya pradesh) के राजगढ़ के मनीष विश्वकर्मा शहीद हो गए. उनका पार्थिव शरीर सेना के काफिले के साथ भोपाल (Bhopal) से खुजनेर पहुंचा. यहां पहुंचते ही लाखों की संख्या में लोग शहीद मनीष के पार्थिव शरीर के दर्शन के लिए उमड़ पड़े. राजगढ़ जिले के कुरावर से लेकर खुजनेर तक की सड़कों पर भारी संख्या में लोगों की भीड़ लग गई, इस दौरान एक पुराने घर की छत ढह गई ... जिसमें कुछ लोग मामूली रूप से जख्मी भी हो गए.
शहीद मनीष विश्वकर्मा के पिता सिद्धनाथ विश्वकर्मा ने बुधवार को कहा कि उन्हें गर्व है कि उनका एक पुत्र भारत माता की सेवा करते हुए शहीद हो गया.सिद्धनाथ ने कहा, ‘‘मेरे दो पुत्र हैं. दोनों सेना में हैं. मुझे गर्व है कि मेरा एक पुत्र भारत माता की सेवा करते हुए शहीद हो गया.'' उन्होंने कहा, ‘‘एक सप्ताह पहले ही मनीष से बात हुई थी. उसने कहा था कि पापा मैं अब घर दशहरा बाद ही आ पाऊंगा आप एक काम करना, आरती (शहीद सैनिक मनीष की पत्नी) को मायके से ले आना.'' सिद्धनाथ ने बताया कि मनीष का विवाह 19 मई 2019 को आरती से हुआ था. (इनपुट भाषा से भी)
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