डेढ़ से दो घंटे में COVID टेस्ट मुमकिन, CSIR और टाटा सन्स के बीच एमओयू पर हुए हस्ताक्षर

सीएसआईआर - आईजीआईबी और टाटा सन्स के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं. दरअसल, सीएसआईआर-आईजीआईपी ने CRISPR-Cas9 टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके एक स्ट्रिप के ज़रिए कोविड के टेस्टिंग की तकनीक का इज़ाद किया है.

डेढ़ से दो घंटे में COVID टेस्ट मुमकिन,  CSIR और टाटा सन्स के बीच एमओयू पर हुए हस्ताक्षर

उम्मीद है कि मई के अंत तक इस किट के ज़रिए टेस्ट मुमकिन हो सकेगा.

नई दिल्ली:

सीएसआईआर - आईजीआईबी और टाटा सन्स के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं. दरअसल, सीएसआईआर-आईजीआईपी ने CRISPR-Cas9 टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके एक स्ट्रिप के ज़रिए कोविड के टेस्टिंग की तकनीक का इज़ाद किया है.  टाटा अब रैपिड डायग्नोसिस वाली इस किट को बनाएंगे. इस तकनीक के ज़रिए दावा है कि डेढ़ से दो घंटे में कोविड टेस्ट मुमकिन है और कीमत भी 500 रुपये के आसपास ही आएगी. ये टेस्ट एक स्ट्रिप के ज़रिए होता है जिसका नाम दिया गया है पेपर बेस्ड टेस्ट. ये स्ट्रिप एक चार्ज्ड मेम्ब्रेन होती है. उम्मीद है कि मई के अंत तक इस किट के ज़रिए टेस्ट मुमकिन हो सकेगा.

बता दें कि वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद ने दावा किया है कि कोरोनावायरस से उपजने वाली बीमारी COVID-19 की जांच के लिए उनकी प्रयोगशाला IGIB ने पेपर-बेस्ड टेस्ट तैयार किया है, जो न केवल जल्दी नतीजे देगा, बल्कि काफी सस्ता भी होगा.CSIR के महानिदेशक डॉ शेखर मांडे ने NDTV को बताया कि उनकी प्रयोगशाला IGIB ने क्रिस्पर कैश सिस्टम का प्रयोग कर पेपर-बेस्ड टेस्ट तैयार किया है, जिसे रेगुलेटरी अप्रूवल का इंतज़ार है. उनका कहना है कि इस टेस्ट की कॉस्टिंग बहुत कम रहेगी, और यह जल्दी के साथ-साथ कतई एक्यूरेट नतीजे देगा. डॉ मांडे के मुताबिक, इस टेस्ट की कीमत लगभग 500 रुपये होगी.

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