यह ख़बर 18 जून, 2013 को प्रकाशित हुई थी

सही उम्र में यौन संबंध बनाने वाले जोड़े पति-पत्नी घोषित हो सकते हैं : कोर्ट

खास बातें

  • अदालत ने कहा कि मंगलसूत्र, वरमाला, अंगूठी आदि पहनने जैसी वैवाहिक औपचारिकताएं केवल समाज की संतुष्टि के लिए होती है। कोई भी पक्ष यौन संबंध के बारे में दस्तावेजी सबूत पेश करके वैवाहिक संबंध का दर्जा प्राप्त करने के लिए परिवार अदालत से संपर्क कर सकता है।
चेन्नई:

मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा है कि अगर कोई सही कानूनी उम्र को पूरा करने वाला युगल यौन संबंध बनाता है, तब उसे वैध विवाह माना जाएगा और उन्हें पति-पत्नी घोषित किया जा सकता है।

उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति सीएस करनान ने अपने आदेश में कहा, अगर कोई युगल यौन आकांक्षा को पूरा करना तय करता है, तब कानून कुछ अपवादों को छोड़कर उसके बाद उत्पन्न होने वाले सभी परिणामों के अनुरूप पूर तरह से प्रतिबद्ध होता है।

उन्होंने कहा कि मंगलसूत्र, वरमाला, अंगूठी आदि पहनने जैसी वैवाहिक औपचारिकताएं केवल समाज की संतुष्टि के लिए होती है।
 कोई भी पक्ष यौन संबंध के बारे में दस्तावेजी सबूत पेश करके वैवाहिक संबंध का दर्जा प्राप्त करने के लिए परिवार अदालत से संपर्क कर सकता है।

न्यायाधीश ने कहा कि एक बार ऐसी घोषणा हो जाने के बाद युगल किसी भी सरकारी रिकॉर्ड में पति-पत्नी के रूप में स्थापित हो सकते हैं। उच्च न्यायालय ने कोयंबटूर के एक गुजाराभत्ता संबंधी मामले की सुनवाई करते हुए यह व्यवस्था दी। कोयंबटूर में एक परिवार अदालत ने एक व्यक्ति को अपने दो बच्चों को 500 रुपये गुजारा भत्ता देने और मुकदमे के खर्च के रूप में 1000 रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया था और कहा था कि महिला के पास विवाह का कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

अपने आदेश में उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति करनान ने उस व्यक्ति को याचिका की तिथि (सितंबर 2000) से महिला को 500 रूपये प्रति माह गुजारा भत्ता देने और बकाये का भुगतान तीन महीने में करने का निर्देश दिया।