प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) द्वारा कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ शुरू किए गए दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान (Vaccination Drive) के तहत शनिवार को भारत में अग्रिम पंक्ति के लगभग दो लाख स्वास्थ्यकर्मियों और सफाईकर्मियों को टीके की पहली खुराक दी गई. इसके साथ ही दुनियाभर में 10 महीनों में लाखों जिंदगियों और रोजगार को लील लेने वाली इस महामारी के भारत में खात्मे की उम्मीद जगी है. करीब एक करोड़ लोगों के संक्रमित होने और 1,52,093 लोगों की मौत के बाद देश ने ‘कोविशील्ड’ और ‘कोवैक्सीन’ टीके के साथ महामारी को मात देने के लिए पहला कदम उठाया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारत में टीकाकरण के पहले दिन 3,352 केंद्रों पर 1,91,181 स्वास्थ्यकर्मियों और सफाईकर्मियों को टीके की पहली खुराक दी गई. वहीं, महाराष्ट्र सरकार ने को-विन (Co-win) ऐप में तकनीकी खामियों की वजह से टीकाकरण अभियान को दो दिन के लिए रोक दिया.
- टीका लगने के बाद दिल्ली स्थित एम्स में एक गार्ड को एलर्जी होने और पश्चिम बंगाल में एक नर्स को बेहोश होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया. अधिकारियों ने बताया कि कोलकाता में 35 वर्षीय एक नर्स कोविडशील्ड टीका लगने के बाद अचेत हो गई. उन्होंने कहा कि कई टीकों के बाद इस तरह की एलर्जी संबंधी दिक्कत हो जाती है. पश्चिम बंगाल में टीकाकरण के बाद के प्रभाव के 13 और मामले सामने आए.
- देश में टीकाकरण अभियान (Coronavirus Vaccination Drive) शुरू होने के पहले दिन स्वास्थ्यकर्मियों के साथ-साथ एम्स दिल्ली के निदेशक रणदीप गुलेरिया, नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल, भाजपा सांसद महेश शर्मा और पश्चिम बंगाल के मंत्री निर्मल माजी उन लोगों में शामिल रहे जिन्हें टीके की पहली खुराक दी गई. पॉल कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए चिकित्सा उपकरण एवं प्रबंधन को लेकर गठित अधिकार समूह के प्रमुख भी हैं.
- अभियान की शुरुआत से पहले राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि टीके की दो खुराक लेनी बहुत जरूरी हैं और इन दोनों के बीच लगभग एक महीने का अंतर होना चाहिए. उन्होंने टीका लेने के बाद भी लोगों से कोरोना संबंधी सभी दिशा-निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया और ‘‘दवाई भी, कड़ाई भी'' का मंत्र दिया.
- रुंधे गले से प्रधानमंत्री ने महामारी के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों और संक्रमण के जोखिम की आशंका वाले मोर्चे पर तैनात कर्मचारियों की कुर्बानियों को याद किया जिनमें से सैकड़ों की संक्रमण की वजह से मौत हो गई.
- कोविड-19 से बचाव के लिए टीके की खुराक सबसे पहले करीब एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों को और इसके बाद दो करोड़ अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले कर्मियों को दी जाएगी. इसके बाद 50 साल से अधिक उम्र वालों एवं अन्य बीमारियों से ग्रस्त 27 करोड़ लोगों का टीकाकरण करने की योजना है.
- अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान की शुरुआत पर अस्पताल के एक सफाईकर्मी मनीष कुमार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की उपस्थिति में कोविड-19 का पहला टीका लगाया गया. इसके साथ ही मनीष देश की राजधानी में टीका लगवाने वाले पहले शख्स बन गए.
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि दोनों टीके- भारत बायोटेक के स्वदेशी कोवैक्सीन और ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका के कोविशील्ड, इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में एक ''संजीवनी'' हैं.
- महाराष्ट्र सरकार ने को-विन (Co-Win) ऐप में दिक्कत की वजह से राज्य में टीकाकरण अभियान को सोमवार तक के लिए रोक दिया है. केंद्र सरकार ने टीकाकरण के लिए पंजीकरण का प्रबंधन करने के वास्ते यह ऐप बनाया है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा, "सिर्फ महाराष्ट्र में ही नहीं, बल्कि देश में हर जगह इस ऐप ने टीकाकरण अभियान के क्रियान्वयन में समस्याएं पैदा कीं. हमने अगले दो दिनों के लिए टीकाकरण अभियान को निलंबित करने का निर्णय किया है."
- दिल्ली में लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल की 48 वर्षीय नर्स से लेकर एम्स के सफाईकर्मी तक यहां 4,300 से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों को कोविड-19 टीके की पहली खुराक लगाई गई और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि पहले दिन यह टीकाकरण अभियान सफलतापूर्वक चला.
- गुजरात के 161 केन्द्रों में टीकाकरण अभियान शुरू हुआ. सबसे पहले राजकोट के एक मेडिकल वाहन चालक तथा कुछ डॉक्टरों को टीके की खुराक दी गई. राजकोट में मेडिकल वैन चलाने वाले और कोविड-19 से बचाव के लिए टीके की पहली खुराक पाने वालों में शामिल अशोक भाई ने कहा, ‘‘यह मेरे लिए सम्मान की बात है कि राजकोट के इस केंद्र में मुझे टीके की पहली खुराक देने के लिए चुना गया. मुझे कोई आशंका नहीं है.''