'कोरोना' लॉकडाउन के बीच पहली ट्रेन पहुंची दिल्‍ली, ठिकाने तक जाने के लिए साधन की तलाश में परेशान दिखे यात्री..

यह ट्रेन मंगलवार को शाम 6: 30 बजे अहमदाबाद से रवाना हुई थी और सुबह आठ बजे नई दिल्ली पहुंची. भारतीय रेलवे ने 12 मई से ऐसी यात्री ट्रेन सेवाओं की शुरुआत की. कोरोना वायरस के कारण लगाए लॉकडाउन के कारण हफ्तों से ये सेवाएं बंद चल रही थीं.

'कोरोना' लॉकडाउन के बीच पहली ट्रेन पहुंची दिल्‍ली, ठिकाने तक जाने के लिए साधन की तलाश में परेशान दिखे यात्री..

मंगलवार सुबह अहमदाबाद से रवाना हुई ट्रेन बुधवार को दिल्‍ली पहुंची (प्रतीकात्‍मक फोटो)

नई दिल्ली:

Coronavirus Lockdown: देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे लोगों को लाने के लिए रेल सेवा शुरू होने के बाद बुधवार को नई दिल्ली पहुंची पहली ट्रेन से गुजरात और राजस्थान से सैकड़ों यात्री यहां पहुंचे और आगे की यात्रा के लिए स्टेशन के बाहर परिवहन के साधन तलाशते नजर आए. यह ट्रेन मंगलवार को शाम 6: 30 बजे अहमदाबाद से रवाना हुई थी और सुबह आठ बजे नई दिल्ली पहुंची. भारतीय रेलवे ने 12 मई से ऐसी यात्री ट्रेन सेवाओं की शुरुआत की. कोरोना वायरस के कारण लगाए लॉकडाउन के कारण हफ्तों से ये सेवाएं बंद चल रही थीं.

कई यात्री रेलवे स्टेशन के बाहर खड़े रहे जबकि कुछ स्थानीय कैब चालकों को विभिन्न राज्यों में उनके घरों तक ले जाने के लिए मनाने की कोशिश करते दिखे.जयपुर के एक होटल में काम करने वाले 14 लोगों का समूह भी ऐसी ही परेशानी में घिरा रहा. उत्तराखंड में खटीमा के अशोक टम्टा (22) ने कहा कि उन्हें कोई अंदाजा नहीं है कि वह कैसे अपने घर पहुंचेंगे. टम्टा की आठ अप्रैल की शादी थी. उन्होंने बताया कि जयपुर के जिस होटल में वह काम करता था वह बंद हो गया जिससे वह बेरोजगार हो गया. उन्‍होंने कहा, ‘‘हमारे पास वापसी के अलावा कोई विकल्प नहीं था. जब ट्रेन सेवाएं शुरू हुई तो हमने एक बार सोचा भी नहीं और टिकट बुक करा लिया तथा यात्रा के लिए तैयार हो गए.''

पिथौरागढ़ के उसके दोस्त और सहकर्मी दीपक कुमार ने कहा कि अगर उन्हें परिवहन का कोई साधन नहीं मिला तो वह सड़कों पर सोएंगे और पैदल चलकर अपने गृह राज्य पहुंचेंगे. जयपुर में काम करने वाले चेन्नई के तीन लोगों का समूह भी इनमें से एक था जो स्टेशन के बाहर इंतजार कर रहा था.फुरकान (26) ने बताया कि सड़क पर बाहर इंतजार करने के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं है. सिर्फ इतनी राहत है कि आसमान में बादल छाए हैं.उसके दोस्त गिलानी (26) ने बताया कि उन्होंने बीती रात भोजन किया था और अब उनके पास खाने को कुछ नहीं है.उन्होंने कहा, ‘‘हालात मुश्किल होते जा रहे हैं लेकिन हमें भरोसा है कि हम अपने घर पहुंच जाएंगे.'' यात्रियों ने बताया कि रवाना होने और यहां पहुंचने के दौरान उनकी जांच की गई तथा अधिकारियों ने यह सुनिश्चित किया कि सभी यात्री सामाजिक दूरी के नियम का पालन करें.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)