भारतीय मूल के जाने माने अमेरिकी लोक स्वास्थ्य विशेषज्ञ आशीष झा और जोहान गिसेक ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 वायरस अगले साल तक रहने वाला है और लॉकडाउन के बाद आर्थिक गतिविधियां आरंभ करते समय लोगों के बीच विश्वास पैदा करने की जरूरत है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संवाद के दौरान ‘ब्राउन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ' के नवनियुक्त डीन झा ने यह भी कहा कि भारत को लॉकडाउन और कोरोना जांच को लेकर रणनीति बनानी होगी.
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के आर्थिक एवं स्वास्थ्य संबंधी प्रभाव के साथ ही इसका मनोवैज्ञानिक असर भी है और सरकारों को इस ओर भी ध्यान देने की जरूरत है. ‘हारवर्ड ग्लोब्ल हेल्थ इंस्टीट्यूट' के निदेशक झा ने कहा, ‘‘इस वायरस का मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी है. लॉकडाउन के जरिए आप अपने लोगों को एक तरह का संदेश देते है कि स्थिति गंभीर है. ऐसे में जब आप आर्थिक गतिविधियां खोलते हैं तो आपको लोगों में विश्वास पैदा करना होता है.''
उनके मुताबिक यह वायरस अगले 18 महीने यानी 2021 तक रहने वाली समस्या है. अगले साल ही कोई टीका या दवा आएगी. लोगों को समझने की जरूरत है कि अब जीवन बदलने वाला है. अब जीवन पहले जैसा नहीं रहेगा. लॉकडाउन से जुड़े राहुल गांधी के एक सवाल के जवाब में झा ने कहा कि सरकारों को रणनीति बनाने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि भारत के लिए अच्छी बात यह है कि उसके पास बड़ी संख्या में नौजवान आबादी है जिसके लिए कोरोना घातक नहीं होगा. बुजुर्गों और अस्पतालों में भर्ती लोगों का ख्याल रखना होगा.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं