कोरोना (Corona Cases) के गंभीर मरीजों को अगर श्वसन तंत्र के जरिये प्रोटीन (Protein) दिया जाए तो उनकी सेहत में सुधार होता है. ब्रिटेन में हुए एक अध्ययन में यह सामने आया है. लंदन के एक अस्पताल में भर्ती जिन कोविड-19 (Covid-19) के मरीजों को श्वसन तंत्र से प्रोटीन दिया गया, उन्हें संक्रमण के गंभीर लक्षण कम हुए.
ब्रिटेन के नौ अस्पतालों में क्लीनिकल परीक्षण और लांसेट पत्रिका में ये नतीजे प्रकाशित हुए हैं. प्रोटीन इंटरफेरोन बीटा-1ए की खुराक श्वसन तंत्र के माध्यम से मरीज को दी गई तो कोविड-19 के प्रभावों को कम किया जा सकता है.साउथहैम्पटन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने ये निष्कर्ष निकाले हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि अस्पतालों में भर्ती मरीजों के रोग से उबरने में यह उपचार लाभदायक हो सकता है.
वैज्ञानिकों का कहना है कि प्रोटीन इंटरफेरोन बीटा वायरस संक्रमणों के प्रति शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रतिक्रिया देने में मददगार होता है.नोवेल कोरोना वायरस इंटरफेरोन बीटा के स्राव को दबा देता है. परीक्षणों से पता चला कि कोविड-19 के मरीजों में इस प्रोटीन की सक्रियता घट जाती है. इंफरफेरोन बीटा एसएनजी001 श्वसन तंत्र के जरिए सीधे फेफड़ों तक पहुंचाया गया तथा इसे कोविड-19 के मरीजों के लिए प्रभावी एवं सुरक्षित पाया गया.
इन मरीजों की तुलना उन मरीजों से की गई जिनका उपचार प्लासेबो पद्धति से किया गया. इस अध्ययन में 101 मरीजों को शामिल किया गया, जिनमें से 98 का उपचार किया गया. इनमें से 48 को एसएनजी001 दिया गया जबकि 50 का इलाज प्लासेबो पद्धति से किया गया.परीक्षण की शुरुआत में 66 मरीजों को ऑक्सीजन देने की जरूरत थी.जिन मरीजों को एसएनजी001 दिया गया उनकी नैदानिक स्थिति 15 या 16 दिन के भीतर बेहतर होने की संभावना दो गुनी पाई गई.
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