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This Article is From Oct 02, 2020

धारावी में फिर से बढ़ते कोरोना केस, मज़दूरों की शहर वापसी के साथ बढ़ता संक्रमण!

"सबसे बड़ी वजह है, माइग्रेंट्स का वापस आना, जब ये मज़दूर गांव गए तो मुंबई आधी ख़ाली हो गई थी. मतलब हम लोग जहां 200 पेशेंट डेली देखते थे 50 पेशेंट पर आ गए थे, फ़ैमिली पेशेंट अच्छे से समझते हैं इन सब चीज़ों को, लेकिन जो माइग्रेंट्स हैं वो कम पढ़े लिखे हैं. "

धारावी में फिर से बढ़ते कोरोना केस, मज़दूरों की शहर वापसी के साथ बढ़ता संक्रमण!
मुंबई:

Coronavirus in Dharavi : ‘धारावी मॉडल' की दुनियाभर में तारीफ हो रही थी, तो अचानक क्या हुआ कि यहां दोबारा कोरोना फैला? जून-जुलाई के महीने में यहां कोरोना पर इतना कंट्रोल हुआ की मामले कभी एक या दो पर भी पहुंचे लेकिन अगस्त के आख़िर से सितम्बर तक मामले रफ़्तार पकड़ रहे हैं.  डॉक्टर कह रहे हैं पलायन करने वाले लौट रहे हैं इसलिए बढ़ रहे हैं मामले.

ऐसा लगता है कि सबसे बड़ी बस्ती धारावी में कोरोना का कोई डर नहीं है, यहां बिना मास्क पहने लोगों की गिनती करने बैठें तो उंगलियां कम पड़ जाएंगीं. अपने अपने शहर-गांव से लौटे मज़दूर भी बिना मास्क लगाए कमाई में जुट गए हैं. तभी तो कभी 12 पर पहुंचे मामले अब दो डिजिट में रिपोर्ट हो रहे हैं. यहां 24 घंटों में 16 नए मामले आए हैं. कुल मामले 3,192 और ऐक्टिव केसे 170 पर पहुंचे हैं.

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धारावी के क्लिनिकों में फिर भीड़ जुटने लगी है, डाक्टर्ज़ मज़दूरों की वापसी केस बढ़ने की वजह मानते हैं. धारावी के डॉ सुशील विजय सिंह ने बताया,‘'सबसे बड़ी वजह है, माइग्रेंट्स का वापस आना, जब ये मज़दूर गांव गए तो मुंबई आधी ख़ाली हो गई थी. मतलब हम लोग जहां 200 पेशेंट डेली देखते थे 50 पेशेंट पर आ गए थे, फ़ैमिली पेशेंट अच्छे से समझते हैं इन सब चीज़ों को लेकिन जो माइग्रेंट्स हैं वो कम पढ़े लिखे हैं. सोशल डिस्टन्सिंग का पालन भी नहीं करते, मास्क नहीं पहनते, कभी कभी हमारे पास भी ऐसे ही आ जाते हैं फिर हम उनको मास्क देते हैं कि लो भाई पहन लो.''

वहीं दूसरी तरफ धारावी पुलिस बस्ती को फिर से आर्थिक पटरी पर लाने के लिए खूब सम्मानित हो रही है, लोग इनपर फूल बरसा रहे हैं. लेकिन इनके सामने फिर वही चुनौती खड़ी होती दिख रही है, इस बार तो सख़्त लॉकडाउन का सहारा भी नहीं. तो सवाल है ढाई वर्ग किलोमीटर में सात लाख से ऊपर की आबादी वाली बस्ती को अनलॉकिंग में कैसे सम्भालें?

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धारावी पुलिस स्टेशन के सीनियर इंस्पेक्टर रमेश नांगरे ने बताया, "लोग थोड़ा बेफ़िक्री कर रहे हैं. जो सतर्कता लेना चाहिए वो नहीं ले रहे हैं. मास्क नहीं पहन रहे हैं. बिना मतलब के घर से बाहर जा रहे हैं. सोशल डिसटेंसिंग मेंटेन नहीं कर रहे. साफ़ सफ़ाई भी नहीं हो रही. इसलिए मामले बढ़ रहे हैं. अब हम उसके लिए सोच रहे हैं की कुछ अभियान फिर से शुरू करें. और जो मामले डबल डिजिट पर आए हैं फिर सिंगल पर और ज़ीरो पर लाकर दिखाएंगे."

कारोबार को पटरी पर लाने के लिए मज़दूरों की वापसी तो मुंबई भर में हुई है. इसलिए सिर्फ़ धारावी ही नहीं, मुंबई के कई इलाक़े सितम्बर से मामलों में तेज़ी देख रहे हैं, मज़दूरों की शहर वापसी और  अनलॉकिंग जिस रफ़्तार से जारी है उससे हॉटस्पॉट मुंबई अब कब सम्भलेगी, कहना मुश्किल है.

कोरोना को मात देने के बाद भी भेदभाव झेल रहा धारावी

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