फाइल फोटो
नई दिल्ली:
सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून में प्रस्तावित संशोधन के खिलाफ केंद्रीय सूचना आयोग के अंदर मतभेद उभर कर सामने आए हैं. कई लोगों की दलील है कि प्रस्तावित संशोधन से सूचना आयोग ‘‘ कमजोर ’’ होंगे. एक सूचना आयुक्त ने पैनल से आग्रह किया है कि वह विवादित संशोधित विधेयक को वापस लेने के लिए सरकार को पत्र लिखे. मुख्य सूचना आयुक्त आर के माथुर अवकाश पर हैं. घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलू ने 19 जुलाई को वरिष्ठतम आयुक्त यशोवर्धन आजाद को पत्र लिखा और उनसे इस विषय पर सभी सूचना आयुक्तों की एक बैठक बुलाने को कहा.
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इस पत्र की प्रति पीटीआई के पास है. पत्र में यह भी कहा गया है कि प्रस्तावित संशोधन का इरादा आरटीआई कानून , 2005 के मूल मकसद को समाप्त करना है. पत्र में यह भी कहा गया है कि यह भारतीय संविधान की मूल विशेषता के रूप में स्थापित संघवाद के प्रति तिरस्कार भी है. सूत्रों ने कहा कि आचार्युलू की मांग पर अभी फैसला नहीं हुआ है.
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आचार्युलू ने मुख्य सूचना आयुक्त से अनुरोध किया कि वह सरकार को एक आधिकारिक पत्र भेज कर सूचना का अधिकार (संशोधन) विधेयक 2018 वापस लेने को कहें.
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इस पत्र की प्रति पीटीआई के पास है. पत्र में यह भी कहा गया है कि प्रस्तावित संशोधन का इरादा आरटीआई कानून , 2005 के मूल मकसद को समाप्त करना है. पत्र में यह भी कहा गया है कि यह भारतीय संविधान की मूल विशेषता के रूप में स्थापित संघवाद के प्रति तिरस्कार भी है. सूत्रों ने कहा कि आचार्युलू की मांग पर अभी फैसला नहीं हुआ है.
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आचार्युलू ने मुख्य सूचना आयुक्त से अनुरोध किया कि वह सरकार को एक आधिकारिक पत्र भेज कर सूचना का अधिकार (संशोधन) विधेयक 2018 वापस लेने को कहें.
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