लगता है कि अब एनसीपीए भी कांग्रेस को मझदार में छोड़ने वाली है...
अहमदाबाद:
उपराष्ट्रपति चुनाव के बाद आठ अगस्त को होने जा रहे राज्यसभा चुनाव पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं. इस सीट के लिए सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल चुनाव लड़ रहे हैं. वह पांचवीं बार राज्यसभा जाने के लिए प्रयासरत हैं. बीजेपी ने उनको घेरने के लिए तगड़ी रणनीति बनाई है. शरद पवार की पार्टी एनसीपी के ताजा बयान ने कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. एनसीपी का कहना है कि वह किसी की सहयोगी नहीं है. अपने विधायकों के बगावती तेवर झेल रही कांग्रेस को पुराने सहयोगी एनसीपी पर भरोसा था, लेकिन लगता है कि अब एनसीपीए भी कांग्रेस को मझदार में छोड़ने वाली है.
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उधर, एनसीपी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि उनकी पार्टी ने गुजरात में आठ अगस्त को होने वाले राज्यसभा चुनावों के लिए अभी तक किसी दल को समर्थन देने के बारे में निर्णय नहीं किया है. शरद पवार की पार्टी का राज्य में 2012 के विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन था और वर्तमान में उसके दो विधायक - कांधल जडेजा और जयंत पटेल हैं. दोनों विधायकों ने कहा था कि राष्ट्रपति चुनावों में उन्होंने विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार मीरा कुमार को वोट दिया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल पांचवीं बार गुजरात से राज्यसभा में जाने के लिए प्रयासरत हैं.
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एनसीपी ने ऐन मौके पर किसी भी दल का सहयोगी नहीं होने का बयान देकर कांग्रेस नेतृत्व की चिंता बढ़ा दी है. लगभग हर मौकों पर एनसीपी कांग्रेस के लिए संकट मोचक रही हैं लेकिन अब देखना होगा कि ये कांग्रेस को उसका साथ मिलेगा या नहीं. गुजरात में कांग्रेस के 57 विधायक थे. जिनमें से 6 इस्तीफा दे चुके हैं. 44 विधायक बेंगलूरु में मौजूद है, जबकि 7 विधायक बेंगलूरु नहीं पहुंचे हैं. माना जा रहा है कि वो भी बागी हैं. अहमद पटेल को जीत के लिए 45 वोट चाहिए.
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उधर, एनसीपी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि उनकी पार्टी ने गुजरात में आठ अगस्त को होने वाले राज्यसभा चुनावों के लिए अभी तक किसी दल को समर्थन देने के बारे में निर्णय नहीं किया है. शरद पवार की पार्टी का राज्य में 2012 के विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन था और वर्तमान में उसके दो विधायक - कांधल जडेजा और जयंत पटेल हैं. दोनों विधायकों ने कहा था कि राष्ट्रपति चुनावों में उन्होंने विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार मीरा कुमार को वोट दिया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल पांचवीं बार गुजरात से राज्यसभा में जाने के लिए प्रयासरत हैं.
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एनसीपी ने ऐन मौके पर किसी भी दल का सहयोगी नहीं होने का बयान देकर कांग्रेस नेतृत्व की चिंता बढ़ा दी है. लगभग हर मौकों पर एनसीपी कांग्रेस के लिए संकट मोचक रही हैं लेकिन अब देखना होगा कि ये कांग्रेस को उसका साथ मिलेगा या नहीं. गुजरात में कांग्रेस के 57 विधायक थे. जिनमें से 6 इस्तीफा दे चुके हैं. 44 विधायक बेंगलूरु में मौजूद है, जबकि 7 विधायक बेंगलूरु नहीं पहुंचे हैं. माना जा रहा है कि वो भी बागी हैं. अहमद पटेल को जीत के लिए 45 वोट चाहिए.
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