कर्नाटक में कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन सरकार की मुश्किलें और बढ़ने के बीच कांग्रेस ने मतभेद सुलझाने के लिए मंगलवार को अपने वरिष्ठ नेताओं गुलाम नबी आजाद और बी. के. हरिप्रसाद को आनन-फानन में बेंगलुरु रवाना किया है. सूत्रों ने बताया कि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नेताओं से कहा कि वे कर्नाटक संकट को सुलझाएं और राज्य में अपनी सरकार बचाएं. गौरतलब है कि आजाद और अशोक गहलोत ने ही मिलकर पिछले वर्ष कर्नाटक में गठबंधन सरकार बनवायी थी.
कर्नाटक में मंगलवार को कांग्रेस के एक और विधायक के इस्तीफे के बाद संकट और गहरा गया है. एक ओर जहां कांग्रेस इन बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने के मामले में विधानसभा अध्यक्ष से हस्तक्षेप की मांग कर रही है, वहीं वह भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगा रही है.
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वहीं, दूसरी ओर कर्नाटक में विधानसभा अध्यक्ष के.आर. रमेश कुमार सदन में 17 जुलाई को एच. डी. कुमारस्वामी सरकार को बहुमत साबित करने के लिए कह सकते हैं. उन्होंने मंगलवार को कांग्रेस और जनता दल (एस) के सभी 13 विधायकों के इस्तीफों को मंजूर करने से मना कर दिया. स्पीकर ने कहा कि इनमें से आठ विधायकों के इस्तीफे तयशुदा फार्मेट में नहीं हैं और पांच अन्य को यह स्पष्टीकरण देने की जरूरत है कि उनका यह कदम क्यों नहीं दल बदल विरोधी कानून के दायरे में आता है.
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उन्होंने कहा कि इन विधायकों को इस्तीफों को फिर से दाखिल करने और इनकी वजहों का खुलासा करने के लिए 21 जुलाई तक का समय दिया गया है. इन 13 विधायकों में से 10 कांग्रेस के और तीन जद (एस) के हैं. सूत्रों ने बताया कि इस्तीफा देने वाले कांग्रेस विधायक रामलिंगा रेड्डी को बागियों में से प्रमुख माना जा रहा है. उन्होंने और उनकी कांग्रेस विधायक बेटी सौम्या रेड्डी ने मंगलवार को दिल्ली में कांग्रेस नेता व संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की.
VIDEO: कर्नाटक में नामंजूर इस्तीफों से किसको क्या उम्मीद?
(इनपुट- एजेंसियां)
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