नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill) लोकसभा में सोमवार को पास होने के बाद बुधवार को राज्यसभा में पक्ष में 125 और विपक्ष में 99 वोट पड़े, जिसके बाद यह बिल संसद के दोनों सदनों से पास हो गया. नागरिकता बिल पर राज्यसभा में करीब 10 घंटे चर्चा के दौरान कई सांसदों ने अपनी-अपनी राय रखी. किसी ने बिल के समर्थन में सरकार की सराहना की तो विपक्ष पार्टियों ने विरोध भी जताया. फिलहाल चर्चा के दौरान विरोध जताते वक्त कांग्रेस के नेताओं ने बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला. गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) के बिल पेश करने के बाद कांग्रेस नेता आनंद शर्मा, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम, गुलाब नबी आजाद, कपिल सिब्बल समेत तमाम कांग्रेसी नेताओं ने अपना विरोध सरकार के खिलाफ जताया.
नागरिकता बिल पर कांग्रेस नेताओं के 10 प्रहार
- कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) को मोदी सरकार का हिन्दुत्व का एजेंडा आगे बढ़ाने वाला करार कदम देते हुए इस बात पर भरोसा जताया कि यह प्रस्तावित कानून न्यायालय के कानूनी परीक्षण में नहीं टिक पाएगा.
- चिदंबरम ने विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि सरकार इस विधेयक के जरिये संसद से एक असंवैधानिक काम पर समर्थन लेना चाहती है. उन्होंने कहा कि संसद में निर्वाचित होकर आये सदस्यों का यह प्राथमिक दायित्व है कि वे कानून बनाते समय यह देखें कि यह संविधान के अनुरूप है कि नहीं.
- पी चिदंबरम ने कहा कि इस विधेयक के मामले में लोकसभा के बाद यदि राज्यसभा इसे पारित कर देती है तो वह अपने दायित्व को संविधान के तीन अन्य अंगों में से एक (न्यायालय) के लिए त्याग रही है. आप इस मुद्दे को न्यायाधीशों की गोद (विचारार्थ) में डाल रहे हैं.
- पूर्व गृह मंत्री ने कहा कि यह मामला यही नहीं रूकेगा और यह न्यायाधीशों के पास जाएगा. निर्वाचित नहीं होने वाले न्यायाधीश और निर्वाचित नहीं होने वाले वकील अंतत: इसके बारे में निर्धारण करेंगे. अत: यह संसद का अपमान होगा.
- राज्यसभा में कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने कहा कि पिछले कुछ सालों से इस बिल को लेकर चर्चा हो रही है. साल 2016 में भी यह बिल लाया गया था लेकिन उसमें और इसमें काफी अंतर है. मैंने गृह मंत्री को आज भी सुना और दूसरे सदन में भी सुना था. उनका कहना है कि सबसे बातचीत हो चुकी है. जांच पड़ताल हो चुकी है. मैं इससे सहमत नहीं हूं. इसकी स्क्रूटनी होनी चाहिए.
- आनंद शर्मा ने कहा कि आप कह रहे है कि यह ऐतिहासिक बिल है, इतिहास इसको किस नजरिए से देखेगा, यह वक्त बताएगा. इस बिल को लेकर इतनी जल्दबाजी क्यों है. इसे पार्लियामेंट्री कमेटी को भेजे, दोबारा से दिखवाते, अगले सत्र में लेकर आते लेकिन सरकार जिद्द कर रही है. वह इसको लेकर ऐसे कर रही है, जैसे भारत पर कोई विपत्ति आ रही हो. ऐसा पिछले 72 सालों में नहीं देखने को मिला.
- कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने जोरदार प्रहार करते हुए कहा कि हमारा विरोध राजनीतिक नहीं, बल्कि संवैधानिक और नैतिक है. यह भारतीय संविधान की नींव पर हमला है. यह भारत की आत्मा पर हमला है. यह संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ है.
- आनंद शर्मा ने सदन में कहा कि इस नागरिकता संशोधन बिल से पूरे देश में असुरक्षा की भावना भर गई है. लोगों के मन में आशंका है. अगर ऐसा है तो क्या पूरे भारत में डिटेंशन सेंटर बनेंगे? यह अन्याय होगा.
- कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि यहां पुर्नजन्म पर विश्वास किया जाता है. सरदार पटेल अगर मोदी जी से मिलेंगे तो काफी नाराज होंगे. आनंद शर्मा ने तंज कसते हुए कहा कि गांधी जी का चश्मा सिर्फ विज्ञापन के लिए नहीं है.
- कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने भाजपा से पूछा, ‘‘क्या पूरा देश इस प्रस्तावित कानून से खुश है? असम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और नगालैंड में विरोध प्रदर्शन क्यों हो रहे है?''