पिछले पांच दिनों से चल रहे जबरदस्त किसान आंदोलन (Farmers Protests) की आंच देश में हर जगह पहुंच रही है. दिल्ली की सीमाओं पर हजारों की तादाद में किसान अपनी मांगें मनवाने और दिल्ली पहुंचने की जिद पर अड़े हुए हैं. मोदी सरकार ने मंगलवार को किसानों को बातचीत के लिए बुलाया है. इसके पहले शनिवार को भी गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) की तरफ से बातचीत का प्रस्ताव रखा गया था लेकिन उन्होंने शर्त रखी थी कि किसानों को बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड पर जाना होगा, जिसके बाद किसानों ने इससे इनकार कर दिया था. विपक्ष इस आंदोलन पर सरकार के रुख को लेकर हमलावर बना हुआ है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) भी इसे लेकर लगातार सरकार पर हमला कर रहे हैं.
मंगलवार को उन्होंने एक ट्वीट में लिखा कि सरकार को अपनी अहंकार की कुर्सी से उतरकर सोचना चाहिए और किसान को उसका अधिकार देना चाहिए. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, 'सैकड़ों अन्नदाता मैदानों में धरना दे रहे हैं, और ‘झूठ' टीवी पर भाषण! किसान की मेहनत का हम सब पर क़र्ज़ है. ये क़र्ज़ उन्हें न्याय और हक़ देकर ही उतरेगा, न कि उन्हें दुत्कार कर, लाठियां मारकर और आंसू गैस चलाकर. जागिए, अहंकार की कुर्सी से उतरकर सोचिए और किसान का अधिकार दीजिए.'
अन्नदाता सड़कों-मैदानों में धरना दे रहे हैं,
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 1, 2020
और
‘झूठ' टीवी पर भाषण!
किसान की मेहनत का हम सब पर क़र्ज़ है।
ये क़र्ज़ उन्हें न्याय और हक़ देकर ही उतरेगा, न कि उन्हें दुत्कार कर, लाठियाँ मारकर और आंसू गैस चलाकर।
जागिए, अहंकार की कुर्सी से उतरकर सोचिए और किसान का अधिकार दीजिए।
इसके पहले राहुल गांधी ने अपने Speak Up India वीडियो सीरीज के तहत किसानों के आंदोलन पर बात की थी और सवाल किया था कि 'देश का किसान काले कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ ठंड में, अपना घर-खेत छोड़कर दिल्ली तक आ पहुँचा है। सत्य और असत्य की लड़ाई में आप किसके साथ खड़े हैं- अन्नदाता किसान या PM के पूँजीपति मित्र?'
Video: कृषि कानून: गुरुदासपुर के किसानों को क्या है डर?
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