कांग्रेस पार्टी के नेता व पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के नतीजों के बाद सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर शायराना अंदाज में ट्वीट करना पसंद कर रहे हैं. हालांकि चुनाव नतीजे (Election Results) में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिलने के बाद विपक्ष पार्टियां हार का मंथन करने पर लगी हुई हैं. नतीजे आने के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सिद्धू पर भी ठिकरा फोड़ा है. उनका कहना था कि चुनाव के दौरान धर्मग्रंथों की बेअदबी पर नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) द्वारा की गई टिप्पणी से कांग्रेस पार्टी (Congress Party) के प्रदर्शन पर असर पड़ा है.
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फिलहाल इन सबसे इतर, नवजोत सिंह सिद्धू अपने ट्विटर पर सिर्फ शायरी लिखना पसंद कर रहे हैं. हालांकि यह नहीं कहा जा सकता कि उन्होंने इस शायराने अंदाज के ट्वीट को किस संदर्भ में या किसके लिए लिखा. सिद्धू ने ट्विटर पर लिखा-
''जिंदगी अपने दम पर जी जाती है,
औरो के कंधों पर तो जनाजा उठा करता है''
बता दें, सोशल मीडिया पर लोग सिद्धू के इस ट्वीट को अपने-अपने तरीके से कयास लगा रहे हैं. 2014 लोकसभा चुनाव में सिद्धू बीजेपी में थे और अमृतसर से उनकी जगह भाजपा ने वर्तमान वित्त मंत्री अरुण जेटली को सीट दे दी थी, हालांकि उन्हें यहां से चुनाव में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हरा दिया था.
बाद में, नवजोत सिंह सिद्धू की नाराजगी को देखते हुए बीजेपी ने उन्हें राज्यसभा सांसद बनाया. हालांकि वह लंबे समय के लिए बीजेपी में नहीं टिक सके और इस्तीफा देकर कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली. विधानसभा चुनाव हुए और पंजाब में कांग्रेस की सरकार आने के बाद सिद्धू को मंत्री बनाया गया. तब से लेकर अभी तक दोनों ही कांग्रेस नेताओं के बीच कुछ न कुछ एक-दूसरे के लिए बयान आते रहे हैं.
लोकसभा चुनाव के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू के साथ मची खींचतान के बीच पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा था कि अगर राज्य में कांग्रेस चुनाव हार जाती है तो वह मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे देंगे.
लोकसभा चुनाव में नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी के टिकट न मिलने के पीछे सीएम और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता आशा कुमारी को जिम्मेदार बताने वाले बयान को भी कैप्टन अमरिंदर सिंह ने खारिज कर दिया था. कैप्टन अमरिंदर ने कहा था कि उन्हें अमृतसर या बठिंडा सीट से कांग्रेस की टिकट की पेशकश की गई लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया था. साथ ही अमरिंदर ने कहा कि चंडीगढ़ लोकसभा सीट से कौर को टिकट नहीं मिलने में उनकी कोई भूमिका नहीं थी, क्योंकि टिकट बंटवारे का काम दिल्ली में कांग्रेस के आला कमान ने किया था और उन्होंने पवन कुमार बंसल को चुना.
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