यह ख़बर 30 जून, 2014 को प्रकाशित हुई थी

शिवराज इस्तीफा दें, व्यापम घोटाले की सीबीआई जांच हो : ज्योतिरादित्य सिंधिया

फाइल फोटो

इंदौर:

मध्यप्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) के करोड़ों रुपये के कुख्यात घोटाले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रियों और उनके नजदीकी लोगों के शामिल होने का आरोप लगाते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सूबे के मुखिया से नैतिकता के आधार पर इस्तीफे की मांग की।

सिंधिया ने रविवार को कहा, 'मुख्यमंत्री को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए, ताकि व्यापमं घोटाले की निष्पक्ष जांच हो सके। उनके मंत्री और आस-पास के लोग इस घोटाले में शामिल हैं।'


पूर्व केंद्रीय मंत्री ने व्यापम घोटाले में प्रदेश पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) की तहकीकात पर सवाल उठाते हुए इस मामले की सीबीआई जांच की मांग भी की।

सिंधिया ने कहा, 'व्यापमं घोटाले की जांच करना एसटीएफ के बस की बात नहीं है। इस मामले की जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए। पहले इन लोगों (भाजपा नेताओं) को सीबीआई जांच से डर लगता था। लेकिन अब उन्हें सीबीआई से व्यापमं घोटाले की जांच कराने में किस बात की हिचक है।'

सिंधिया ने कहा कि प्रदेश सरकार के जिम्मेदार लोगों को व्यापम घोटाले की गड़बड़ियों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इस मामले में पूरी पारदर्शिता के साथ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। पूर्व केंद्रीयमंत्री ने नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार को महंगाई, रेलवे किराये और महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में कथित इजाफे पर भी घेरा।

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उन्होंने बलात्कार के आरोप से घिरे केंद्रीय मंत्री निहाल चंद मेघवाल की ओर इशारा करते हुए कहा, 'जिन लोगों पर महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के आरोप लग रहे हैं, वे आज केंद्रीय मंत्रिमंडल में बैठे हैं। भाजपा की कथनी और करनी में इतना अंतर क्यों है।'
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, 'चुनाव से पहले भाजपा की ओर से कहा जाता था कि अच्छे दिन आने वाले हैं। लेकिन मैं मोदी सरकार के 30 दिन के कार्यकाल के आधार पर एक नागरिक के रूप में कह रहा हूं कि यह सरकार जनता की आशाओं पर पूरी तरह खरी नहीं उतर सकी है।'