प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
कान्फेडरेशन ऑफ सिविल सर्विस एसोसिएशन ने मांग की है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को सही तरीके से लागू किया जाए जिससे दूसरी ऑल इंडिया सर्विसेज़ के मुकाबले उनके साथ होने वाला भेदभाव खत्म हो। सोमवार को कान्फेडरेशन ऑफ सिविल सर्विस एसोसिएशन के एक प्रतिनिधिमंडल ने कार्मिक मामलों के मंत्री डा जितेन्द्र सिंह से मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा।
कान्फेडरेशन ऑफ सिविल सर्विस एसोसिएशन ने मेमोरेन्डम में कहा है कि सातवें वेतन आयोग ने अपनी सिफारिशों में दूसरी आल इंडिया सर्विस के अधिकारियों के समान सुविधाएं मिलने की उनकी मांग को दूर करने की कोशिश की है।
अधिकारियों के मिलें समान सुविधाएं
कान्फेडरेशन ने मांग की है कि गैर-आईएएस सेवा के अधिकारियों की मुख्य शिकायत यह है कि मंत्रालयों और सरकारी विभागों में सीनियर स्तर के पद पर सिर्फ IAS अधिकारियों की नियुक्ति की जाती है। उन्होंने मांग की है कि सभी आल इंडिया सेवाओं के अधिकारियों को एक समान सुविधाएं मिलनी चाहिए और इसमें किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने साफ तौर पर मांग की है कि वेतन में भेदभाव पूरी तरह से खत्म होना चाहिए।
कान्फेडरेशन ऑफ सिविल सर्विस एसोसिएशन ने यह भी मांग की है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों की समीक्षा के लिए गठित सचिवों की समिति में सभी सरकारी सेवाओं के अधिकारियों को शामिल किया जाना चाहिए। कार्मिक मंत्री जितेन्द्र सिंह ने उन्हें आश्वासन दिया कि वे उनकी मांगों को वित्त मंत्रालय के सामने पेश करेंगे।
कान्फेडरेशन ऑफ सिविल सर्विस एसोसिएशन ने मेमोरेन्डम में कहा है कि सातवें वेतन आयोग ने अपनी सिफारिशों में दूसरी आल इंडिया सर्विस के अधिकारियों के समान सुविधाएं मिलने की उनकी मांग को दूर करने की कोशिश की है।
अधिकारियों के मिलें समान सुविधाएं
कान्फेडरेशन ने मांग की है कि गैर-आईएएस सेवा के अधिकारियों की मुख्य शिकायत यह है कि मंत्रालयों और सरकारी विभागों में सीनियर स्तर के पद पर सिर्फ IAS अधिकारियों की नियुक्ति की जाती है। उन्होंने मांग की है कि सभी आल इंडिया सेवाओं के अधिकारियों को एक समान सुविधाएं मिलनी चाहिए और इसमें किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने साफ तौर पर मांग की है कि वेतन में भेदभाव पूरी तरह से खत्म होना चाहिए।
कान्फेडरेशन ऑफ सिविल सर्विस एसोसिएशन ने यह भी मांग की है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों की समीक्षा के लिए गठित सचिवों की समिति में सभी सरकारी सेवाओं के अधिकारियों को शामिल किया जाना चाहिए। कार्मिक मंत्री जितेन्द्र सिंह ने उन्हें आश्वासन दिया कि वे उनकी मांगों को वित्त मंत्रालय के सामने पेश करेंगे।
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