प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली:
केंद्र सरकार ने आईएएस एवं आईपीएस अधिकारियों के चयन के लिए होने वाली संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा में उम्र सीमा में छूट, योग्यता, पाठ्यक्रम और स्वरूप जैसे विभिन्न पहलुओं की समीक्षा के लिए हाल ही में जिस विशेषज्ञ समिति का गठन किया है, वह छह महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
समिति योग्य उम्मीदवारों के चयन के लिए आयोजित की जाने वाली प्रतिष्ठित परीक्षा के मौजूदा स्वरूप की प्रभावशीलता की भी समीक्षा करेगी। यह समिति परीक्षा के पुनरीक्षित स्वरूप को लागू करने के लिए समयसीमा का भी सुझाव देगी।
बीएस बासवन की अध्यक्षता में गठित समिति
पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन सचिव एवं सेवानिवृत आईएएस अधिकारी बीएस बासवन की अध्यक्षता में गठित समिति परीक्षा संचालित करने की समयसीमा पर विचार करेगी और उम्मीदवारों के चयन में लगने वाले समय में कमी के लिए उचित बदलावों के सुझाव भी देगी। समिति के कार्य क्षेत्र के अनुसार वह सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल के जरिए परीक्षा के संचालन का सुझाव देकर इसमें लगने वाले समय में कमी लाने की सलाह दे सकती है।
अगले साल फरवरी तक रिपोर्ट सौंपी जाएगी
इसके मुताबिक, विशेष समिति अपने गठन के छह महीने के भीतर यानी अगले साल फरवरी तक रिपोर्ट सौंप सकती है।
किन मुद्दों का होगा मूल्यांकन
चयन प्रक्रिया में समावेश की जरूरत, विभिन्न विषयों के उम्मीदवारों का उचित सम्मिश्रण, एक आधुनिक, प्रभावी एवं दक्ष सिविल सेवा एवं चयनति उम्मीदवारों की प्रशिक्षण प्राप्त करने की काबिलियत जैसे पहलुओं को ध्यान में रखते हुए समिति सिविल सेवा परीक्षा के मौजूदा स्वरूप की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करेगी। वह इस बाबत पिछली विशेषज्ञ समितियों की सिफारिशों की भी समीक्षा करेगी।
केन्द्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह का बयान
केन्द्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने हाल ही में कहा था, ‘‘प्रशासनिक सेवा परीक्षा के सभी पहलुओं पर विचार करने के लिए समिति का गठन किया गया है।’’ उन्होंने कहा था, ‘‘समिति की रिपोर्ट के आधार पर सिविल सेवा परीक्षा स्वरूप में आगे के बदलावों पर विचार किया जाएगा। इसमें प्रमुख लक्ष्य यही रहेगा कि गणित, इंजीनियरिंग, मेडिसिन, कला आदि विभिन्न विषय के उम्मीदवारों को समान अवसर मुहैया कराए जा सके।’’
सीसैट पर होगा फैसला
मंत्री ने कहा था कि जब तक समिति की सिफारिशें प्राप्त नहीं हो जातीं और उसके बाद सरकार उस पर निर्णय नहीं कर लेती है, सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र द्वितीय (इसे सीसैट के नाम से भी जाना जाता है) क्वालिफाइंग पेपर मात्र बना रहेगा। इसे पास करने के लिए न्यूनतम अंक 33 प्रतिशत बने रहेंगे।
समिति का नेतृत्व छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अधिकारी रहे बीएस बासवान करेंगे तथा इसमें प्रमुख शिक्षाविद्, तकनीकीविद्, वरिष्ठ नौकरशाह आदि सदस्य होंगे।
समिति योग्य उम्मीदवारों के चयन के लिए आयोजित की जाने वाली प्रतिष्ठित परीक्षा के मौजूदा स्वरूप की प्रभावशीलता की भी समीक्षा करेगी। यह समिति परीक्षा के पुनरीक्षित स्वरूप को लागू करने के लिए समयसीमा का भी सुझाव देगी।
बीएस बासवन की अध्यक्षता में गठित समिति
पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन सचिव एवं सेवानिवृत आईएएस अधिकारी बीएस बासवन की अध्यक्षता में गठित समिति परीक्षा संचालित करने की समयसीमा पर विचार करेगी और उम्मीदवारों के चयन में लगने वाले समय में कमी के लिए उचित बदलावों के सुझाव भी देगी। समिति के कार्य क्षेत्र के अनुसार वह सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल के जरिए परीक्षा के संचालन का सुझाव देकर इसमें लगने वाले समय में कमी लाने की सलाह दे सकती है।
अगले साल फरवरी तक रिपोर्ट सौंपी जाएगी
इसके मुताबिक, विशेष समिति अपने गठन के छह महीने के भीतर यानी अगले साल फरवरी तक रिपोर्ट सौंप सकती है।
किन मुद्दों का होगा मूल्यांकन
चयन प्रक्रिया में समावेश की जरूरत, विभिन्न विषयों के उम्मीदवारों का उचित सम्मिश्रण, एक आधुनिक, प्रभावी एवं दक्ष सिविल सेवा एवं चयनति उम्मीदवारों की प्रशिक्षण प्राप्त करने की काबिलियत जैसे पहलुओं को ध्यान में रखते हुए समिति सिविल सेवा परीक्षा के मौजूदा स्वरूप की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करेगी। वह इस बाबत पिछली विशेषज्ञ समितियों की सिफारिशों की भी समीक्षा करेगी।
केन्द्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह का बयान
केन्द्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने हाल ही में कहा था, ‘‘प्रशासनिक सेवा परीक्षा के सभी पहलुओं पर विचार करने के लिए समिति का गठन किया गया है।’’ उन्होंने कहा था, ‘‘समिति की रिपोर्ट के आधार पर सिविल सेवा परीक्षा स्वरूप में आगे के बदलावों पर विचार किया जाएगा। इसमें प्रमुख लक्ष्य यही रहेगा कि गणित, इंजीनियरिंग, मेडिसिन, कला आदि विभिन्न विषय के उम्मीदवारों को समान अवसर मुहैया कराए जा सके।’’
सीसैट पर होगा फैसला
मंत्री ने कहा था कि जब तक समिति की सिफारिशें प्राप्त नहीं हो जातीं और उसके बाद सरकार उस पर निर्णय नहीं कर लेती है, सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र द्वितीय (इसे सीसैट के नाम से भी जाना जाता है) क्वालिफाइंग पेपर मात्र बना रहेगा। इसे पास करने के लिए न्यूनतम अंक 33 प्रतिशत बने रहेंगे।
समिति का नेतृत्व छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अधिकारी रहे बीएस बासवान करेंगे तथा इसमें प्रमुख शिक्षाविद्, तकनीकीविद्, वरिष्ठ नौकरशाह आदि सदस्य होंगे।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
केंद्र सरकार, आईएएस, आईपीएस परीक्षा, सिविल सेवा परीक्षा, Central Govern, Central Government, IAS Exam, Civil Services Exam