यह ख़बर 31 अगस्त, 2012 को प्रकाशित हुई थी

कोयला ब्लॉक आवंटन : गतिरोध जारी, तीसरे मोर्चे ने की जांच की मांग

खास बातें

  • कोयला ब्लॉक आवंटन को लेकर शुक्रवार को भी संसद में गतिरोध जारी रहा। इस गतिरोध के बीच शुक्रवार को समाजवादी पार्टी, तेलुगू देशम पार्टी व वामपंथी दलों ने संसद के बाहर एकजुट होकर तीसरे मोर्चे के वजूद का आभास कराते हुए धरना दिया और कोयला ब्लॉक आवंटन में कथित भ्

कोयला ब्लॉक आवंटन को लेकर शुक्रवार को भी संसद में गतिरोध जारी रहा। इस गतिरोध के बीच शुक्रवार को समाजवादी पार्टी (सपा), तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) व वामपंथी दलों ने संसद के बाहर एकजुट होकर तीसरे मोर्चे के वजूद का आभास कराते हुए धरना दिया और कोयला ब्लॉक आवंटन में कथित भ्रष्टाचार की जांच कराने की मांग की। वहीं संसद के अंदर हंगामे के कारण गतिरोध बना रहा।

संसद भवन के मुख्यद्वार पर सपा, तेदेपा और वाम दलों के सांसदों ने कोयला ब्लॉक आवंटन में कथित भ्रष्टाचार की जांच कराने की मांग पर जोर देते हुए धरना दिया और कोयला घोटाले पर संसद में बहस की मांग भी की। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव सहित कई सांसद हाथ में तख्तियां लिए हुए थे।

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता सीताराम येचुरी ने प्रदर्शन के बाद कहा, "कोयला घोटाले के सच को यदि कोई बाहर आने से रोक रही है तो वह है भाजपा (भारतीय जनता पार्टी)। वह बहस इसलिए नहीं होने देना चाहती, क्योंकि तब उसकी कोठरी से भी कंकाल निकलेंगे।"  

वहीं, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग पर अड़ी विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों के हंगामे के कारण संसद के दोनों सदनों में शुक्रवार को लगातार आठवें दिन भी कोई कामकाज नहीं हो सका। हंगामे को देखते हुए दोनों सदनों की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।

लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा सांसद हंगामा करने लगे, जिस कारण संसद की कार्यवाही पहले दोपहर 12 बजे तक के लिए, फिर दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।

सत्तारूढ़ कांग्रेस ने विपक्ष की मांग फिर खारिज कर दी। पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने कोयला आवंटन पर अपनी रिपोर्ट बढ़ाचढ़ाकर तैयार की, ताकि इस मुद्दे पर सनसनी फैले।

मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने कहा है कि प्रधानमंत्री जब तब घोटाले की नैतिक जिम्मेदारी तेते हुए इस्तीफा नहीं दे देते तब तक वह न तो संसद में कामकाज चलने देगी और न ही बहस होने देगी।

सपा नेता मुलायम सिंह ने संवाददताओं से कहा कि वे निष्पक्ष जांच की मांग पर जोर देने के लिए सड़कों पर उतरेंगे। उन्होंने कहा, "हम सड़कों पर उतरेंगे, बाजारों में जाएंगे। हमने संघर्ष को आगे बढ़ाने का फैसला लिया है।"

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उधर, कांग्रेस ने अपना बचाव करते हुए सीएजी के तथ्यों को ही गलत ठहराने का प्रयास किया। पार्टी नेता दिग्विजय सिंह ने संवाददाताओं से कहा, "सीएजी ने जो 2004 के बाद कोयला ब्लॉक आवंटन पर जो रिपोर्ट पेश की है वह तथ्यों की पुष्टि किए बगैर और जो नुकसान बताया है, वह मनगढ़ंत है। सनसनी फैलाने के लिए घाटे को करोड़ों में बताया गया है।" उन्होंने कहा, "1980 के दशक में सीएजी टीएन चतुर्वेदी ने बोफोर्स मामले पर रिपोर्ट पेश की थी, जिस पर भाजपा ने हंगामा खड़ा किया था और संसद में कार्यवाही नहीं चलने दी थी। वही चतुर्वेदी बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे।"