एचसी गुप्ता (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
पटियाला हाउस कोर्ट के स्पेशल सीबीआई जज भारत पराशर ने कोयला घोटाले के एक मामले में भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश रचने के मामले में चार लोगों को सजा सुनाई है. पटियाला हाउस कोर्ट ने कोयला मंत्रालय के पूर्व सचिव एच सी गुप्ता के अलावा अन्य चार लोगों को सजा सुनाई है. पूर्व सचिव एच सी गुप्ता के साथ-साथ कोयला मंत्रालय के रिटायर्ड निदेशक के सी समरिया और कोयला मंत्रालय में उस समय के संयुक्त सचिव के एस क्रोफा को भी 3 साल कैद और 50 हज़ार का जुर्माने की सजा सुनाई गई है. इसके अलावा, निजी कंपनी विकास मेटल्स एंड पावर लिमिटेड के प्रमोटर विकाश पटनी और उनके सहयोगी आनंद मलिक को 4 साल की सजा सुनाई गई है.
कोयला घोटाला: अदालत ने पूर्व कोयला सचिव समेत अन्य को माना भ्रष्टाचार का दोषी
दरअसल, विकाश मेटल्स एंड पावर लिमिटेड कंपनी को पश्चिम बंगाल स्थित मोरिया और मधुजोड़ (उत्तर व दक्षिण) में स्थित कोयला खदानों का नियमों के विपरीत जाकर के आवंटन किया था. इस मामले में सीबीआई ने सितंबर 2012 में केस दर्ज किया था. फैसला सुनाने के बाद सभी पांच लोगों को हिरासत में ले लिया गया है.
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हालांकि, दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत ने पूर्व केंद्रीय कोयला सचिव एचसी गुप्ता तथा अन्य दो सरकारी कर्मचारियों को ज़मानत दे दी है. विकास मेटल पॉवर लिमिटेड को कोल ब्लॉक आवंटित किए जाने के मामले में दोषी करार देकर सज़ा सुनाए गए तीनों सरकारी अधिकारियों को एक लाख रुपये का एक ज़मानती पेश करना होगा तथा इसी रकम का निजी मुचलका देना होगा.
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सीबीआई ने कोर्ट से ये भी कहा था कि कोयला घोटाले की गंभीरता को इससे आका जा सकता है सीबीआई ने 55 एफआईआर दर्ज किया था. बहरहाल, सभी दोषियों ने कोर्ट से कम से कम सजा देने की मांग की थी. दोषियों ने कोर्ट से कहा था कि 1 लाख 86 हज़ार करोड़ के नुकसान का अनुमान गलत है क्योंकि उन्होंने खदान का लीज नही दिया था आज भी कोयला खदान सरकार के पास है.
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पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता ने कोर्ट से ये भी गुजारिश की उनको कम से कम सजा दी जाए क्योंकि वो बीमार रहते है और अपने घर मे अकेले कमाने वाले. उनके बच्चे अभी भी पढ़ाई कर रहे हैं. तो वही निजी कंपनी विकाश मेटल्स एंड पावर लिमिटेड के प्रमोटर विकाश पटनी ने कोर्ट से अपील की की उनके कंपनी पर जुर्माना कम से कम लगाया जाए क्योंकि कंपनी घाटे में चल रही है मुकदमा दर्ज होने के बाद से कंपनी पर वित्तीय संकट मंडराने लगा था जो आज तक उबर नही पाया. गौरतलब है कि पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता पर कोयला घोटाले के 12 मुकदमे दर्ज हैं.
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दरअसल, विकाश मेटल्स एंड पावर लिमिटेड कंपनी को पश्चिम बंगाल स्थित मोरिया और मधुजोड़ (उत्तर व दक्षिण) में स्थित कोयला खदानों का नियमों के विपरीत जाकर के आवंटन किया था. इस मामले में सीबीआई ने सितंबर 2012 में केस दर्ज किया था. फैसला सुनाने के बाद सभी पांच लोगों को हिरासत में ले लिया गया है.
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हालांकि, दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत ने पूर्व केंद्रीय कोयला सचिव एचसी गुप्ता तथा अन्य दो सरकारी कर्मचारियों को ज़मानत दे दी है. विकास मेटल पॉवर लिमिटेड को कोल ब्लॉक आवंटित किए जाने के मामले में दोषी करार देकर सज़ा सुनाए गए तीनों सरकारी अधिकारियों को एक लाख रुपये का एक ज़मानती पेश करना होगा तथा इसी रकम का निजी मुचलका देना होगा.
पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआई ने सभी दोषियों को अधिकतम सजा देने की अपील की थी. भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश रचने के मामले में अधिकतम सजा 7 साल है. सीबीआई ने कोर्ट से ये भी कहा था कि दोषियों ने हर प्रयास किया था कि गवाह कोर्ट तक न पहुंच पाए. नेशनल इनटरेस्ट में देखे तो 1 लाख 86 हज़ार करोड़ का नुकसान का अनुमान लगाया गया था. ईडी ने भी मामले में जांच की थी.Delhi's Patiala House Court grants bail to the HC Gupta (former Coal Secretary) and two other public servants. All have to furnish a personal bond of rupees one lakh and one surety amount. https://t.co/VjtWTNBCSQ
— ANI (@ANI) December 5, 2018
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पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता ने कोर्ट से ये भी गुजारिश की उनको कम से कम सजा दी जाए क्योंकि वो बीमार रहते है और अपने घर मे अकेले कमाने वाले. उनके बच्चे अभी भी पढ़ाई कर रहे हैं. तो वही निजी कंपनी विकाश मेटल्स एंड पावर लिमिटेड के प्रमोटर विकाश पटनी ने कोर्ट से अपील की की उनके कंपनी पर जुर्माना कम से कम लगाया जाए क्योंकि कंपनी घाटे में चल रही है मुकदमा दर्ज होने के बाद से कंपनी पर वित्तीय संकट मंडराने लगा था जो आज तक उबर नही पाया. गौरतलब है कि पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता पर कोयला घोटाले के 12 मुकदमे दर्ज हैं.
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