लखनऊ:
गोंडा जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) को अगवा करने और धमकाने के आरोपी उत्तर प्रदेश के राज्यमंत्री विनोद सिंह उर्फ पंडित सिंह ने शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया।
माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कहने पर मंत्री ने इस्तीफा दिया। उधर, विपक्षी दलों ने इस्तीफे को नाकाफी बताते हुए मंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की मांग की।
गोंडा के सीएमओ एसपी सिंह को अगवाकर धमकाने के आरोपी विनोद सिंह ने सुबह मुख्यमंत्री को इस्तीफा सौंप दिया, जिसे मुख्यमंत्री ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर मंजूरी के लिए राजभवन भेज दिया।
इस्तीफा सौंपने के बाद विनोद सिंह ने संवाददाताओं से कहा, "मैंने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया है। मुख्यमंत्री ने मुझसे इस्तीफा देने के लिए नहीं कहा था।"
सिंह ने खुद पर लगे आरोपों की जांच की मांग करते हुए कहा, "यह मुझे फंसाने और मेरी छवि धूमिल करने की साजिश है। अधिकारियों ने मिलीभगत कर मेरे खिलाफ साजिश की। मैं मुख्यमंत्री से मिलकर पूरे मामले की स्वतंत्र जांच की मांग करूंगा।"
उल्लेखनीय है कि गोंडा के सीएमओ एसपी सिंह ने आरोप लगाया था कि राजस्व राज्यमंत्री व गोंडा सदर सीट से विधायक विनोद कुमार सिंह ने जिले में आयुष चिकित्सकों के रूप में अपने लोगों की भर्ती कराने के लिए उनपर दबाव बनाया था। इनकार करने पर मंत्री ने आधी रात को अपने समर्थकों की मदद से उन्हें अगवा करवा लिया और धमकी दी तथा उनके साथ दुर्व्यवहार किया।
सीएमओ ने जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से मंत्री की मौखिक शिकायत की। मामला हाईप्रोफाइल होने के कारण बिना शासन के निर्देश के आरोपी मंत्री के खिलाफ कार्रवाई करने में अक्षम प्रशासनिक अधिकारियों ने पूरे मामले की जानकारी प्रमुख सचिव (गृह) को देकर बुधवार को सीएमओ को लखनऊ भेज दिया।
मामला मीडिया में आने के बाद मुलायम और अखिलेश ने विनोद सिंह से बेहद नाराजगी जताई। मुख्यमंत्री ने खुद इसका संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन से पूरे मामले की जानकारी मांगी।
सूत्रों के मुताबिक गुरुवार देर रात अहमद हसन ने मुलायम और मुख्यमंत्री अखिलेश को पूरे मामले से अवगत कराया, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने आरोपी मंत्री से इस्तीफा देने को कहा।
मीडिया में मामला उछलने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश ने दबाव डालकर विनोद सिंह का इस्तीफा तो ले लिया, लेकिन अभी तक उनके खिलाफ मामला दर्ज करने को लेकर विपक्षी दल उनके घेराबंदी कर रहे हैं। राज्य सरकार की तरफ से कहा जा रहा है कि पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जा रही है।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, "मुख्यमंत्री इस्तीफा दिलाकर अपनी साख बचा रहे हैं। हमारी मांग है कि विनोद सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनकी गिरफ्तार की जाए।"
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि विनोद सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं। कानून क्यों अपना काम नहीं कर रहा है? क्यों मामला दर्ज करने के लिए मुख्यमंत्री के आदेश का इंतजार किया जा रहा है?
उधर, विनोद सिंह के इस्तीफे से नाराज सैकड़ों उनके समर्थकों ने आज गोंडा में सीएमओ कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन किया।
इस बीच खबर है कि पिछले 72 घंटे से लापता गोंडा के सीएमओ एसपी सिंह पुलिस बंदोबस्त के बीच शुक्रवार शाम काम पर लौट आए।
माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कहने पर मंत्री ने इस्तीफा दिया। उधर, विपक्षी दलों ने इस्तीफे को नाकाफी बताते हुए मंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की मांग की।
गोंडा के सीएमओ एसपी सिंह को अगवाकर धमकाने के आरोपी विनोद सिंह ने सुबह मुख्यमंत्री को इस्तीफा सौंप दिया, जिसे मुख्यमंत्री ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर मंजूरी के लिए राजभवन भेज दिया।
इस्तीफा सौंपने के बाद विनोद सिंह ने संवाददाताओं से कहा, "मैंने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया है। मुख्यमंत्री ने मुझसे इस्तीफा देने के लिए नहीं कहा था।"
सिंह ने खुद पर लगे आरोपों की जांच की मांग करते हुए कहा, "यह मुझे फंसाने और मेरी छवि धूमिल करने की साजिश है। अधिकारियों ने मिलीभगत कर मेरे खिलाफ साजिश की। मैं मुख्यमंत्री से मिलकर पूरे मामले की स्वतंत्र जांच की मांग करूंगा।"
उल्लेखनीय है कि गोंडा के सीएमओ एसपी सिंह ने आरोप लगाया था कि राजस्व राज्यमंत्री व गोंडा सदर सीट से विधायक विनोद कुमार सिंह ने जिले में आयुष चिकित्सकों के रूप में अपने लोगों की भर्ती कराने के लिए उनपर दबाव बनाया था। इनकार करने पर मंत्री ने आधी रात को अपने समर्थकों की मदद से उन्हें अगवा करवा लिया और धमकी दी तथा उनके साथ दुर्व्यवहार किया।
सीएमओ ने जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से मंत्री की मौखिक शिकायत की। मामला हाईप्रोफाइल होने के कारण बिना शासन के निर्देश के आरोपी मंत्री के खिलाफ कार्रवाई करने में अक्षम प्रशासनिक अधिकारियों ने पूरे मामले की जानकारी प्रमुख सचिव (गृह) को देकर बुधवार को सीएमओ को लखनऊ भेज दिया।
मामला मीडिया में आने के बाद मुलायम और अखिलेश ने विनोद सिंह से बेहद नाराजगी जताई। मुख्यमंत्री ने खुद इसका संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन से पूरे मामले की जानकारी मांगी।
सूत्रों के मुताबिक गुरुवार देर रात अहमद हसन ने मुलायम और मुख्यमंत्री अखिलेश को पूरे मामले से अवगत कराया, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने आरोपी मंत्री से इस्तीफा देने को कहा।
मीडिया में मामला उछलने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश ने दबाव डालकर विनोद सिंह का इस्तीफा तो ले लिया, लेकिन अभी तक उनके खिलाफ मामला दर्ज करने को लेकर विपक्षी दल उनके घेराबंदी कर रहे हैं। राज्य सरकार की तरफ से कहा जा रहा है कि पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जा रही है।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, "मुख्यमंत्री इस्तीफा दिलाकर अपनी साख बचा रहे हैं। हमारी मांग है कि विनोद सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनकी गिरफ्तार की जाए।"
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि विनोद सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं। कानून क्यों अपना काम नहीं कर रहा है? क्यों मामला दर्ज करने के लिए मुख्यमंत्री के आदेश का इंतजार किया जा रहा है?
उधर, विनोद सिंह के इस्तीफे से नाराज सैकड़ों उनके समर्थकों ने आज गोंडा में सीएमओ कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन किया।
इस बीच खबर है कि पिछले 72 घंटे से लापता गोंडा के सीएमओ एसपी सिंह पुलिस बंदोबस्त के बीच शुक्रवार शाम काम पर लौट आए।
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