देहरादून:
उत्तराखंड में कांग्रेस नीत विजय बहुगुणा सरकार ने गुरुवार को विधानसभा में बहुमत सिद्ध कर दिया।
विपक्ष भाजपा ने कल विधानसभा की कार्यवाही बाधित करते हुए राजभवन के समक्ष प्रदर्शन कर सरकार पर सदन में बहुमत हासिल करने के लिए दबाव बढ़ाया था। राज्य विधानसभा में आज जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने अपनी सरकार द्वारा सदन में बहुमत सिद्ध करने का एक पंक्ति का प्रस्ताव पेश किया लेकिन भाजपा सदस्यों ने मांग की कि इस प्रस्ताव पर गुप्त मतदान कराया जाये।
बहुगुणा ने कहा कि विपक्षी सदस्य पिछले दो दिनों से यह दावा कर रहे हैं कि उनके पास अपेक्षित बहुमत नहीं है जबकि विधानसभा अध्यक्ष चुनाव में जीतकर उनकी सरकार ने साबित कर दिया है कि उनके पास पर्याप्त बहुमत है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार संसदीय परम्पराओं और मर्यादाओं का पूरा पूरा पालन करने के लिये कृतसंकल्प है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल से आग्रह किया कि वह सदस्यों की गिनती करायें।
बहुगुणा ने जब विधानसभा अध्यक्ष कुंजवाल से आग्रह किया कि वह उनके प्रस्ताव पर मत विभाजन करायें तो विपक्षी सदस्यों ने इस पर गुप्त मतदान कराने की मांग शुरू कर दी। इस मांग को कुंजवाल ने ठुकराते हुये मत विभाजन कराया। उन्होंने सरकार के पक्ष के सदस्यों से अपने स्थान पर खड़े होने का आग्रह करते हुये उन्हें विश्वासमत के प्रस्ताव पर हाथ खड़े करने को कहा।
कांग्रेस के सभी सदस्यों के अतिरिक्त बहुजन समाज पार्टी के तीन, उत्तराखंड क्रांति दल के एक, तीन निर्दलीय तथा एक मनोनीत सदस्य आर वी गार्डनर ने सरकार के पक्ष में हाथ खड़े किये। विपक्षी सदस्यों ने विश्वासमत हासिल करने की इस प्रक्रिया के विरोध में सदन से वाकआउट किया और इसे लोकतंत्र विरोधी प्रक्रिया करार दिया। पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के नेतृत्व में भाजपा सदस्यों ने कल सदन की कार्यवाही बाधित करते हुये सरकार से मांग की थी कि वह सदन में अपना बहुमत साबित करे।
सदस्यों ने कहा था कि सरकार बहुमत के लिये अलग से प्रस्ताव नहीं लाकर संसदीय परम्पराओं को खुला उल्लंघन कर रही है । सरकार को यह विश्वास ही नहीं है कि उसे सदन में बहुमत प्राप्त है।
विपक्ष भाजपा ने कल विधानसभा की कार्यवाही बाधित करते हुए राजभवन के समक्ष प्रदर्शन कर सरकार पर सदन में बहुमत हासिल करने के लिए दबाव बढ़ाया था। राज्य विधानसभा में आज जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने अपनी सरकार द्वारा सदन में बहुमत सिद्ध करने का एक पंक्ति का प्रस्ताव पेश किया लेकिन भाजपा सदस्यों ने मांग की कि इस प्रस्ताव पर गुप्त मतदान कराया जाये।
बहुगुणा ने कहा कि विपक्षी सदस्य पिछले दो दिनों से यह दावा कर रहे हैं कि उनके पास अपेक्षित बहुमत नहीं है जबकि विधानसभा अध्यक्ष चुनाव में जीतकर उनकी सरकार ने साबित कर दिया है कि उनके पास पर्याप्त बहुमत है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार संसदीय परम्पराओं और मर्यादाओं का पूरा पूरा पालन करने के लिये कृतसंकल्प है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल से आग्रह किया कि वह सदस्यों की गिनती करायें।
बहुगुणा ने जब विधानसभा अध्यक्ष कुंजवाल से आग्रह किया कि वह उनके प्रस्ताव पर मत विभाजन करायें तो विपक्षी सदस्यों ने इस पर गुप्त मतदान कराने की मांग शुरू कर दी। इस मांग को कुंजवाल ने ठुकराते हुये मत विभाजन कराया। उन्होंने सरकार के पक्ष के सदस्यों से अपने स्थान पर खड़े होने का आग्रह करते हुये उन्हें विश्वासमत के प्रस्ताव पर हाथ खड़े करने को कहा।
कांग्रेस के सभी सदस्यों के अतिरिक्त बहुजन समाज पार्टी के तीन, उत्तराखंड क्रांति दल के एक, तीन निर्दलीय तथा एक मनोनीत सदस्य आर वी गार्डनर ने सरकार के पक्ष में हाथ खड़े किये। विपक्षी सदस्यों ने विश्वासमत हासिल करने की इस प्रक्रिया के विरोध में सदन से वाकआउट किया और इसे लोकतंत्र विरोधी प्रक्रिया करार दिया। पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के नेतृत्व में भाजपा सदस्यों ने कल सदन की कार्यवाही बाधित करते हुये सरकार से मांग की थी कि वह सदन में अपना बहुमत साबित करे।
सदस्यों ने कहा था कि सरकार बहुमत के लिये अलग से प्रस्ताव नहीं लाकर संसदीय परम्पराओं को खुला उल्लंघन कर रही है । सरकार को यह विश्वास ही नहीं है कि उसे सदन में बहुमत प्राप्त है।
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