कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर नागरिकता संशोधन बिल को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है. राहुल गांधी ने बुधवार को ट्वीट करते हुए लिखा है, 'नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) मोदी-शाह सरकार की पूर्वोत्तर को नस्ली तौर पर साफ कर देने की कोशिश है... यह पूर्वोत्तर, उसकी जीवनशैली तथा भारत के विचार पर आपराधिक हमला है... मैं पूर्वोत्तर के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा हूं, और उनकी सेवा में तत्पर हूं...'
राहुल गांधी ने मंगलवार को भी निशाना साधा था. राहुल गांधी ने ट्वीट किया था, कहा, ‘नागरिकता संशोधन विधेयक संविधान पर हमला है. जो कोई भी इसका समर्थन करता है वो हमारे देश की बुनियाद पर हमला और इसे नष्ट करने का प्रयास कर रहा है.' वहीं, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने दावा किया बीती रात लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पारित होने के साथ देश में कट्टरता एवं संकुचित विचारों वाले अलगाव के प्रयासों की पुष्टि हुई है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘हमारे पूर्वजों ने हमारी स्वतंत्रता के लिए अपने प्राण दिये. उस स्वतत्रंता में समता का अधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार निहित है.'
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उन्होंने कहा, ‘हमारा संविधान, हमारी नागरिकता, एक मजबूत एवं एकजुट भारत के हमारे सपने हम सभी से जुड़े हुए हैं.' कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘हम सरकार के उस एजेंडे के खिलाफ लड़ेंगे जो हमारे संविधान को सुनियोजित ढंग से खत्म कर रहा है तथा उस बुनियाद को खोखला कर रहा है जिस पर हमारे देश की नींव पड़ी.'
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पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘नागरिकता संशोधन विधेयक भारत की आत्मा पर हमला है. 72 साल पहले अंग्रेजों, सावरकर और जिन्ना की सोच एवं रवैये के चलते भारत का विभाजन हुआ. उसी विचार से जुड़े लोग एक बार फिर से हमारे बुनियादी मूल्यों का बंटवारा करने के प्रयास में हैं. पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह (विधेयक) पूरी तरह असंवैधानिक है इसको ध्यान में रखकर अगर शिवसेना राज्यसभा में अपने रुख में बदलाव करती है तो हम इसका स्वागत करेंगे. देश की सभी राष्ट्रवादी शक्तियां भी इसका स्वागत करेंगी.'
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बता दें, लोकसभा ने सोमवार को इस विधेयक को पारित कर दिया है, जिसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए गैर मुस्लिम शरणार्थी - हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान है. विधेयक के खिलाफ छात्र संघों और वाम-लोकतांत्रिक संगठनों ने मंगलवार को पूर्वोत्तर के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान सड़क अवरूद्ध होने के कारण अस्पताल ले जाते समय दो महीने के एक बीमार बच्चे की मौत हो गई. राज्यसभा में इस विधेयक को पेश किये जाने से एक दिन पहले असम में इस विधेयक के खिलाफ दो छात्र संगठनों के राज्यव्यापी बंद के आह्वान के बाद ब्रह्मपुत्र घाटी में जनजीवन ठप रहा.
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