नीदरलैंड के हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय न्याय न्यायालय (ICJ) में बुधवार को कुलभूषण जाधव मामले में भारत की बड़ी जीत हुई. कोर्ट ने पाकिस्तान से कहा कि वह भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को दी गई मौत की सजा की समीक्षा करे. इसका अर्थ यह भी है कि जाधव की मौत की सजा पर आईसीजे ने जो रोक लगाई थी, वह जारी रहेगी. इसके साथ ही आईसीजे ने जाधव तक राजनयिक पहुंच दिए जाने की भारत की मांग के पक्ष में फैसला सुनाया है. अब भारतीय उच्चायोग जाधव से मुलाकात कर सकेगा और उन्हें वकील और अन्य कानूनी सुविधाएं दे पाएगा.
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यह मामला पूरी तरह से भारत के हक में रहा. भारत लगातार पाकिस्तान को वियना समझौते की याद दिलाता रहा लेकिन पाकिस्तान अपने फैसले पर कायम रहा. लेकिन मामला जब इंटरनेशनल कोर्ट पहुंचा तो पाकिस्तान को लताड़ लगाई गई. 16 जजों की ज्यूरी में से 15 जज भारत के पक्ष से सहमत दिखे. यहां तक कि चीन की जज शू हांकिन भी भारत के हक में खड़ीं नजर आईं. जबकि अब तक के इतिहास में 'चीन' हर बार 'पाकिस्तान' की तरफ ही नजर आया. चाहे मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने का मामला हो या फिर भारत को यूएन की सिक्योरिटी काउंसिल में शामिल करने का मामला.
जाधव मामले में भारत की बड़ी जीत, आईसीजे ने कहा, भारत को राजनयिक पहुंच का हक
बता दें कि चीन की शू हांकिन आईसीजे की सदस्य जून 2010 से हैं. साल 2012 में उन्हें फिर से चुना गया था. इसके बाद वह 6 फरवरी 2018 को ICJ की उपाध्यक्ष चुनी गई थीं. शू चीन के लीगल लॉ डिवीजन की हेड और नीदरलैंड में चीन की राजदूत थीं. इस मामले की सुनवाई 16 जजों की बेंच कर रही थी, जिसकी अगुवाई ICJ के प्रमुख जज अब्दुलकावि अहमद युसूफ कर रहे थे. 16 जजों की टीम में एक जज भारतीय भी हैं. जस्टिस दलवीर भंडारी इस टीम में शामिल इकलौते भारतीय हैं. वह 2012 से अंतरराष्ट्रीय अदालत के जज हैं. वहीं पाकिस्तान की तरफ से तस्सदुक हुसैन जिलानी इस टीम के हिस्सा हैं. वह बेंच के परमानेंट हिस्सा नहीं हैं, उनकी एंट्री एडहॉक जज के तौर पर हुई थी. भारत के खिलाफ संभवता तस्सदुक हुसैन जिलानी का ही वोट गया है.
Video: अंतरराष्ट्रीय अदालत में भारत की बड़ी जीत, कुलभूषण जाधव की फांसी पर लगी रोक
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