
पाकिस्तान के बलूचिस्तान (Balochistan) में अज्ञात बंदूकधारियों ने मुफ्ती शाह मीर की गोली मारकर हत्या कर दी. यह वही मुफ्ती शाह मीर है जिसने कुलभूषण जाधव के अपहरण मामले में अहम भूमिका निभाई थी. यह घटना उस वक्त हुई जब वो नवाज पढ़कर मस्जिद से वापस आ रहा था. जानकारी के अनुसार मुफ्ती शाह मीर मानव तस्करी जैसी घटनाओं में भी शामिल था. खबरों के अनुसार मीर जमीयत उलमा-ए-इस्लाम नामक एक इस्लामी कट्टरपंथी राजनीतिक पार्टी का सदस्य था. माना जा रहा है कि मीर की हत्या आईएसआई की तरफ से करवाई गई है.मीर लंबे समय तक पाकिस्तानी सेना के लिए बलुच के क्षेत्र में खुफिया जानकारी देता रहा था.
- अज्ञात बंदूकधारियों ने मुफ्ती शाह मीर की गोली मारकर हत्या कर दी.
- मीर की हत्या मस्जिद से वापस आते समय हुई. वो नमाज पढ़कर वापस आ रहा था.
- ISI के द्वारा हत्या की आशंका है. हालांकि माना जाता है कि वो पाकिस्तानी सेना के लिए जासूसी करता था.
- कुलभूषण जाधव के अपहरण मामले में मीर को मास्टरमांइड माना जाता है.
कुलभूषण जाधव का क्या है पूरा मामला?
भारतीय नौसेना के रिटायर्ड ऑफिसर कुलभूषण जाधव को मार्च, 2016 में पाकिस्तानी सेना ने गिरफ्तार कर लिया था. पाक का दावा है कि कुलभूषण भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ ( रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) के कर्मचारी हैं और उन्हें जासूसी करते हुए पकड़ा गया है. हालांकि भारत सरकार का कहना है, इन्हें बलूचिस्तान से नहीं ईरान से गिरफ्तार किया गया था.
कुलभूषण जाधव को भारत ने हर मंच पर अपना नागरिक माना है. साथ ही किसी भी तरह की जासूसी जैसी घटनाओं में उनके शामिल होने के दावों को गलत बताया है. भारत का कहना रहा है कि कुलभूषण जाधव का ईरान में कारोबार था. 30 मार्च 2016 को भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कुलभूषण ईरान में कानूनी तरीके से अपना कारोबार चला रहे थे उस दौरान ही उनका अपहरण कर लिया गया. भारत ने लगातार आरोप लगाया है कि कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की जेल में प्रताड़ित किया जाता रहा है.
जाधव के मामले में भारत ने अंतराष्ट्रीय न्यायालय में की थी अपील
पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में जासूसी और आतंकवाद के आरोप में जाधव को मौत की सजा सुनाई थी.भारत ने जाधव को राजनयिक पहुंच देने से इनकार करने और मौत की सजा को चुनौती देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ अंतराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) का दरवाजा खटखटाया था. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हेग स्थित आईसीजे ने जुलाई 2019 में इस मामले में पाकिस्तान से कहा था कि वह भारत को जाधव तक राजनयिक पहुंच प्रदान करे और सजा की समीक्षा भी सुनिश्चित करे.
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