चीन ने आज कहा कि द्विपक्षीय सहयोग के लिए "आर्टिफिशियल ब्लॉक" भारत के हितों को नुकसान पहुंचाएगा और दोनों देशों को अपने सीमा क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए मिलकर काम करना चाहिए. बीजिंग भारत में चीनी व्यवसायों के अधिकारों को बनाए रखने के लिए आवश्यक उपाय करेगा, बीजिंग में विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने एक समाचार ब्रीफिंग को बताया. उनका यह बयान भारत द्वारा टिकटॉक समेत 59 चीनी ऐप्स को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताकर बैन किए जाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के औचक लद्दाख दौरे के बाद आया है जहां पिछले महीने चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक भिड़ंत में 20 भारतीय सैनिकों की जान गई थी. हालांकि बीजिंग ने इस झड़प में हताहत हुए उसके सैनिकों की संख्या नहीं बताई जहां पिछले 48 सालों में पहली बार हुई झड़प में सैनिकों की जान गई है.
पीएम मोदी, जिन्होंने अपने मासिक रेडियो संबोधन में मन की बात में कहा था कि, "लद्दाख में भारतीय क्षेत्र की तरह आंख उठाकर देखने वालों को कड़ी प्रतिक्रिया मिली है", आज पीएम मोदी ने 15 जून को हुई भिड़ंत वाले इलाके से लगभग 100 किलोमीटर (60 मील) दूर लद्दाख के निमो में एक सैन्य अड्डे का दौरा किया. इसके बाद वह सैनिकों से मिलने के लिए लेह में सैन्य अस्पताल भी जाएंगे .सेना प्रमुख एमएम नरवने और सीडीएस जनरल बिपिन रावत के साथ पीएम मोदी ने संवेदनशील क्षेत्र में भी गए जिसका उपयोग क्षेत्र में सेना की संख्या बढ़ाने के लिए एक स्टेजिंग पोस्ट के रूप में किया गया है.
कई दौर की सैन्य वार्ता और कई दौर की सैन्य वार्ताओं के बावजूद और पश्चिमी हिमालय के लद्दाख में से सटी सीमा पर विघटन के समझौते के बावजूद, सैनिकों को पीछे खींचने में बहुत कम प्रगति हुई है.इसके साथ ही चीन ने चेतावनी दी कि भारत द्वारा चीन से जुड़े ऐप्स को बैन किया जाना डब्ल्यूटीओ नियमों का उल्लंघन है.
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