भारत-चीन सीमा मुद्दे (India-China Standoff )पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के हालिया बयान को लेकर सियासी हलकों में चर्चा तेज है. भारत और चीन के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख में हिंसक संघर्ष के बाद से ही केंद्र सरकार के खिलाफ हमलावर रुख अख्तियार किए राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "मुझे इस बात की चिंता नहीं है कि मेरा राजनीतिक भविष्य बर्बाद हो जाएगा लेकिन मैं भारतीय क्षेत्र में चीनी घुसपैठ को लेकर झूठ नहीं बोलूंगा." राहुल गांधी ने इसके साथ ही एक वीडियो भी शेयर किया है. राहुल के इस बयान पर सत्तारूढ़ बीजेपी ने जवाब देने में देर नहीं लगाई. बीजेपी (BJP) की ओर से कहा गया कि राहुल के इस बयान का कोई मतलब नहीं है क्योंकि उनका करियर वास्तव में पहले ही खत्म हो गया है. राहुल की अपनी पार्टी कांग्रेस में भी इस बयान को लेकर असहजता की स्थिति है.
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भाजपा सांसद और प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव (GVL Narasimha Rao) ने कहा, "आपका राजनीतिक जीवन समाप्त होने के तुरंत बाद समाप्त हो गया. इस देश के लोगों को आपमें कोई नेता दिखाई नहीं देता है. यह 2019 में समाप्त हो गया और अब, आप कांग्रेस पार्टी के भविष्य को समाप्त करने के लिए आमादा हैं." राहुल गांधी ने सोमवार को करीब एक मिनट 20 सेकंड के वीडियो संदेश शेयर करते हुए ट्वीट में लिखा- "चीन की सेना ने भारतीय सरजमीं पर कब्जा किया है. सच्चाई छिपाना और उन्हें ऐसा करने देना राष्ट्र विरोधी है. लोगों का इस ओर ध्यान आकर्षित करना देशभक्ति है." उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार तथ्यों को छुपा रही है और भारतीय भूमि पर चीन की घुसपैठ अपनने आप में अकाट्य सच्चाई है.
हालांकि राहुल गांधी के इस 'रुख' को लेकर उनकी अपनी पार्टी के ही एक ग्रुप में सवाल उठने शुरू हो गए हैं. आलोचकों के इस ग्रुप के एक मेंबर ने कहा, "वह हमसे बात नहीं करते हैं और हमें नहीं पता कि उन्हें कोई सलाह दे रहा है." यह सदस्य अपनी यह राय गांधी परिवार और पार्टी के प्रति निष्ठा की वजह से सार्वजनिक तौर पर जाहिर नहीं कर सकते. पार्टी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में आज पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम (P. Chidambaram)से पूछा गया कि क्या उन्होंने गांधी को विदेश नीति के परिप्रेक्ष्य में मशविरा दिया है, इस पर चिदंबरम ने स्पष्ट रूप से जवाब दिया कि उन्होंने रक्षा या विदेश मंत्री के रूप में कार्य नहीं किया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी कभी-कभी उनकी राय लेते हैं "लेकिन इन वीडियो के लिए नहीं."
गौरतलब है कि इस वर्ष के दो प्रमुख राजनीतिक मुद्दों, जिसमें पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया और फिर सचिन पायलट शामिल थे, ने पार्टी में अंदरूनी स्तर पर धीमी लहजे में सही पर इस बात पर बहस शुरू कर दी है कि क्या कांग्रेस का पहला परिवार ऐसी आपदाओं को आमंत्रित कर रहा है जो भविष्य के लिहाज से भारी साबित हो सकती हैं. सिंधिया और पायलट दोनों को पार्टी के युवा, सक्षम नेताओं में शुमार किया जाता है/था. आलोचकों का यह वर्ग दावा करता है कि पार्टी की मौजूदा अध्यक्ष सोनिया गांधी किसी भी मामले में सार्वजनिक बयान देने से पहले विस्तृत जानकारी हासिल करने का अधिक प्रयास करती है, इस संबंध में वे चीन मुद्दे पर पीएम की ओर से बुलाई गई आल पार्टी मीटिंग का हवाला देते हुए. एक नेता ने कहा, "वह हमें सलाह देती हैं और अवलोकन करती है. सर्वदलीय बैठक में उन्होंने पीएम से पूछे जाने वाले सवालों पर गौर किया।" यह पूछे जाने पर कि उनके बेटे राहुल गांधी इस मामले में अलग राह क्यों अख्तियार किए हुए हैं, इस नेता ने कहा अनुसरण क्यों कर रहा है, उन्होंने कहा, "वह (राहुल गांधी) शायद सोचते हैं कि हम बेकार लोग हैं और उनके सलाहकार सबसे अच्छा जानते हैं."
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