नई दिल्ली:
लद्दाख से वापसी के लिए चीन ने शर्त रखी है। भारत इस इलाके में बुनियादी ढांचा खड़ा करना रोके और गश्त में कमी लाए,
लेकिन दूसरी तरफ वह घुसपैठ का भी खंडन कर रहा है।
इससे पूर्व भारत और चीन अपनी दूसरी फ्लैग मीटिंग में लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) सेक्टर में चीनी सैनिकों द्वारा घुसपैठ के मुद्दे का कोई समाधान नहीं निकाल पाए और संभावना है कि इस क्षेत्र में और भारतीय जवानों को तैनात किया जाएगा।
चुसुल सेक्टर के ‘स्पांग्गुर गैप’ में दोनों पक्षों के ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारियों की बैठक हुई और चीनी पक्ष ने भारतीय सीमा छोड़कर जाने से इनकार किया। बिग्रेडियर बीएम गुप्ता और सीनियर कर्नल अयान यांती ने क्रमश: भारत और चीन के पक्ष का नेतृत्व किया।
सूत्रों ने यहां कहा कि चीनी पक्ष ने किसी घुसपैठ से इनकार करते हुए कहा कि जहां अस्थाई चौकी बनाई है, वह उसके क्षेत्र का हिस्सा है।
सूत्रों ने कहा कि चीनी पक्ष की ओर से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला और इस मामले का कोई समाधान नहीं निकला है।
बैठक में चीनी पक्ष ने भारत द्वारा फुक्तसे क्षेत्र में बंकर बनाने पर आपत्ति जताई और कहा कि वह चाहता है कि इन बंकरों को ध्वस्त किया जाए। इसके अलावा भारतीय सेना की गश्त को लेकर भी चीन ने आपत्ति जताई है।
सूत्रों ने कहा कि भारत इस मुद्दे के समाधान के लिए इस तरह की अन्य बैठकों के लिए कह सकता है।
यह बैठक तीन घंटे से अधिक समय तक चली और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सहमति वाली स्थिति की जानकारी दोनों पक्षों द्वारा साझा की गई।
गौरतलब है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की एक टुकड़ी ने 15 अप्रैल की रात को डीबीओ सेक्टर में भारतीय सीमा के 10 किलोमीटर अंदर एक शिविर स्थापित किया था। चीन के दल ‘चाइनीज आर्मी प्लाटून’ में सामान्यत: करीब 50 सैनिक होते हैं।
भारत और चीन ने क्षेत्र में घुसपैठ की खबर मिलने के बाद आज दूसरे दौर की फ्लैग मीटिंग की और भारत ने चीनी पक्ष से पुरानी स्थिति पर लौटने के लिए कहा। इस तरह की पहली बैठक 18 अप्रैल को हुई थी।
आईटीबीपी सैनिकों ने चीनी शिविर के सामने करीब 300 मीटर की दूरी पर एक शिविर बनाया है और हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।
लेकिन दूसरी तरफ वह घुसपैठ का भी खंडन कर रहा है।
इससे पूर्व भारत और चीन अपनी दूसरी फ्लैग मीटिंग में लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) सेक्टर में चीनी सैनिकों द्वारा घुसपैठ के मुद्दे का कोई समाधान नहीं निकाल पाए और संभावना है कि इस क्षेत्र में और भारतीय जवानों को तैनात किया जाएगा।
चुसुल सेक्टर के ‘स्पांग्गुर गैप’ में दोनों पक्षों के ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारियों की बैठक हुई और चीनी पक्ष ने भारतीय सीमा छोड़कर जाने से इनकार किया। बिग्रेडियर बीएम गुप्ता और सीनियर कर्नल अयान यांती ने क्रमश: भारत और चीन के पक्ष का नेतृत्व किया।
सूत्रों ने यहां कहा कि चीनी पक्ष ने किसी घुसपैठ से इनकार करते हुए कहा कि जहां अस्थाई चौकी बनाई है, वह उसके क्षेत्र का हिस्सा है।
सूत्रों ने कहा कि चीनी पक्ष की ओर से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला और इस मामले का कोई समाधान नहीं निकला है।
बैठक में चीनी पक्ष ने भारत द्वारा फुक्तसे क्षेत्र में बंकर बनाने पर आपत्ति जताई और कहा कि वह चाहता है कि इन बंकरों को ध्वस्त किया जाए। इसके अलावा भारतीय सेना की गश्त को लेकर भी चीन ने आपत्ति जताई है।
सूत्रों ने कहा कि भारत इस मुद्दे के समाधान के लिए इस तरह की अन्य बैठकों के लिए कह सकता है।
यह बैठक तीन घंटे से अधिक समय तक चली और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सहमति वाली स्थिति की जानकारी दोनों पक्षों द्वारा साझा की गई।
गौरतलब है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की एक टुकड़ी ने 15 अप्रैल की रात को डीबीओ सेक्टर में भारतीय सीमा के 10 किलोमीटर अंदर एक शिविर स्थापित किया था। चीन के दल ‘चाइनीज आर्मी प्लाटून’ में सामान्यत: करीब 50 सैनिक होते हैं।
भारत और चीन ने क्षेत्र में घुसपैठ की खबर मिलने के बाद आज दूसरे दौर की फ्लैग मीटिंग की और भारत ने चीनी पक्ष से पुरानी स्थिति पर लौटने के लिए कहा। इस तरह की पहली बैठक 18 अप्रैल को हुई थी।
आईटीबीपी सैनिकों ने चीनी शिविर के सामने करीब 300 मीटर की दूरी पर एक शिविर बनाया है और हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।
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