फाइल फोटो
नई दिल्ली:
जम्मू-कश्मीर के कठुआ, उत्तर प्रदेश के उन्नाव में बलात्कार की घटनाओं के बाद सोमवार को लोकसभा में 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप मामलों में मृत्युदंड की सजा के प्रावधान से जुड़े विधेयक को पेश किया जाएगा. आपको बता दें कि 21 अप्रैल को सरकार ने इस विधेयक को मंजूरी दी है. विधेयक में 12 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने पर मौत की सजा के प्रावधान है. इतना ही नहीं इस विधेयक 16 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों के साथ दुष्कर्म करने वाले के खिलाफ और कड़े सजा किए गए हैं और पोक्सो अधिनियम में संशोधन किया गया है.
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यह कदम जम्मू एवं कश्मीर के कठुआ में आठ वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या और देश के विभिन्न भागों में इसी तरह के वीभत्स दुष्कर्म की घटनाओं के बाद देशव्यापी गुस्से के मद्देनजर उठाया गया है. विधेयक के अंतर्गत 12 वर्ष से कम उम्र की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वालों को न्यूनतम 20 वर्ष की सजा या पूरी जिंदगी कारावास की सजा या मौत की सजा देने का प्रावधान है, जबकि 16 वर्ष से कम उम्र की लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने वाले दोषियों को पूरी जिंदगी जेल में बिताना होगा.
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12 वर्ष से कम उम्र की बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने पर, दोषियों को आजीवन कारावास या फिर मौत की सजा दी जाएगी. विधेयक के प्रावधानों के अंतर्गत महिला के साथ दुष्कर्म करने वाले दोषी को पहले के सात वर्ष की सजा के स्थान पर 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा दी जाएगी, जिसे बढ़ाकर उम्रकैद में तब्दील किया जा सकता है.
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16 वर्ष से कम उम्र की लड़की के साथ दुष्कर्म करने पर, न्यूनतम सजा को 10 साल से बढ़ाकर 20 साल कर दिया गया है, जिसे बढ़ाकर आजीवन कारावास में तब्दील किया जा सकता है.
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12 वर्ष से कम उम्र की बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने पर, दोषियों को आजीवन कारावास या फिर मौत की सजा दी जाएगी. विधेयक के प्रावधानों के अंतर्गत महिला के साथ दुष्कर्म करने वाले दोषी को पहले के सात वर्ष की सजा के स्थान पर 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा दी जाएगी, जिसे बढ़ाकर उम्रकैद में तब्दील किया जा सकता है.
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