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This Article is From Mar 13, 2012

चिदम्बरम ने किया एनसीटीसी का बचाव, तृणमूल का विरोध

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम ने मंगलवार को कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए प्रस्तावित राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र (एनसीटीसी) पूरी तरह आवश्यक है और यह देश के संघीय ढांचे का अतिक्रमण नहीं करता।

चिदम्बरम का एनसीटीसी के बचाव में यह बयान ऐसे समय आया है जब राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील के अभिभाषण में आंतकवाद-निरोधी एजेंसी के उल्लेख का संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के महत्वपूर्ण घटक दल तृणमूल कांग्रेस ने कड़ा विरोध किया है।

चिदम्बरम ने उन रिपोर्टों का भी खंडन किया कि केंद्रीय गृह सचिव आरके सिंह ने विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ नौकरशाहों तथा पुलिस अधिकारियों से कहा है कि वे मुख्यमंत्री के स्टेनोग्राफर के रूप में काम न करें।

लोकसभा में चिदम्बरम ने कहा, "मुझे स्पष्ट तौर पर लगता है कि आतंकवाद से निपटने के लिए एनसीटीसी बेहद आवश्यक है। इसके कुछ पहलुओं को लेकर इसका विरोध करने वाले भी इससे सहमत हैं।"

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सरकार एनसीटीसी के गठन को लेकर विभिन्न राज्यों के विरोध पर चर्चा कराने को तैयार है। उन्होंने जोर देकर कहा, "एनसीटीसी संघीय ढांचे का अतिक्रमण नहीं करता।"

इसके पहले दिन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद एवं लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने इस मुद्दे को निचले सदन में उठाया।

सदन में यह मुद्दा उठाते हुए सुषमा ने कहा कि करीब 10 राज्य एनसीटीसी के खिलाफ हैं। मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि केंद्रीय गृह सचिव ने राज्यों के अधिकारियों से कहा है कि वे अपने मुख्यमंत्रियों के स्टेनोग्राफर की तरह काम न करें।

बनर्जी ने बाद में समाचार चैनल 'एनडीटीवी' से कहा कि राष्ट्रपति पाटील ने संसद के सम्बोधन में एनसीटीसी का जिक्र किया, उस अभिभाषण से एनसीटीसी के जिक्र को हटाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कई राज्यों के अनुरोध एवं आपत्तियों के बावजूद एनसीटीसी के मसले को राष्ट्रपति के अभिभाषण में शामिल किया गया।

बनर्जी ने कहा, "इसलिए, हमने आपत्ति की है और हम राष्ट्रपति के अभिभाषण में संशोधन की मांग कर रहे हैं।"

चिदम्बरम ने सदन में यह भी बताया कि एनसीटीसी पर चर्चा के लिए राज्यों के मुख्य सचिवों तथा पुलिस महानिदेशकों की बैठक सोमवार को हुई थी। 16 अप्रैल को इस पर मुख्यमंत्रियों की बैठक होगी।

उल्लेखनीय है कि एनसीटीसी के गठन के फैसले का ओडिशा, तमिलनाडु, गुजरात, मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों ने विरोध किया है।

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