छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले (Janjgir-Champa District ) में एक IAS अधिकारी को जिले में कलेक्टर के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान 33 वर्षीय एक महिला के साथ यौन उत्पीड़न के आरोप में मामला दर्ज होने के एक दिन बाद निलंबित (suspended) कर दिया गया. आरोपी जनक प्रसाद पाठक 26 मई को भूमि रिकॉर्ड के निदेशक बनाए जाने से पहले जांजगीर-चाम्पा जिले के कलेक्टर थे. उन पर रेप, धमकी जैसी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh Government) की तरफ से यह कहते हुए निलंबन आदेश जारी किया कि पाठक का व्यवहार, प्रथम दृष्टया, बतौर अधिकारी आईएएस (आचरण) नियम 1968 के नियम 3 का उल्लंघन" था. मुख्यमंत्री ने मामले की जांच के लिए एक उच्च-स्तरीय समिति के गठन का भी आदेश दिया है.
पुलिस से शिकायत में पीड़ित महिला ने कहा कि वह पहली बार आरोपी से अपनी संस्था से संबंधित कुछ काम के लिए मिली थी. शिकायत के अनुसार, आरोपी ने वादा किया कि उनका काम हो जाएगा और इसकी जानकारी फोन से दे दी जाएगी, इस बहाने से आरोपी ने उनका नंबर लिया और 2-3 दिनों तक काम की बात करने के बाद पीड़िता को अश्लील संदेश, वीडियो और तस्वीरें भेजना शुरू कर दिया. पीड़िता के अनुसार, “उसने मुझे बार-बार फोन करना शुरू कर दिया. एक दिन, उसने मेरे पति को बर्खास्त करने की धमकी दी जब मैं उनसे उनके कार्यालय में मिली तो उसने मुझे एक कमरे के अंदर धकेल दिया और मेरा यौन शोषण किया.
मामले में पुलिस अधीक्षक पारूल माथुर ने कहा “हमें एक शिकायत मिली है जिसमें एक महिला ने आरोप लगाया है कि पूर्व कलेक्टर जनक प्रसाद पाठक उसे अश्लील संदेश भेजते थे और अपने कार्यालय के अंदर उसके साथ यौन शोषण किया. उनकी शिकायत के अनुसार, हमने उनका बयान लिया, कॉल रिकॉर्ड्स का सत्यापन किया और पूरी जॉच के बाद हमने IPC की धारा 376, 506, और 509 के तहत प्राथमिकी दर्ज की.आरोपी को 2007 में छत्तीसगढ़ राज्य सेवा से आईएएस में पदोन्नत किया गया, आरोपों पर उनकी टिप्पणी के लिए संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन संपर्क नहीं हो सका.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं